scriptShocking : BMC के अस्पताल में कोरोना मरीजों के बीच पड़े शवों पर सियासी बवाल, स्वास्थ्य मंत्री ने पेश की सफाई | Shocking: Political ruckus over corpses lying among corona patients in BMC hospital Health Minister presented a clarification | Patrika News
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Shocking : BMC के अस्पताल में कोरोना मरीजों के बीच पड़े शवों पर सियासी बवाल, स्वास्थ्य मंत्री ने पेश की सफाई

सायन अस्पताल प्रशासन ने नियमों का नहीं किया पालन
कोरोना मरीजों के बीच शवों को रख घोर लापरवाही का दिया परिचय
कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने भी इस घटना पर जताई नाराजगी

May 08, 2020 / 03:12 pm

Dhirendra

bmc Sion Hospital
नई दिल्ली। एक तरफ महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले थमने का नाम नहीं ले रहा है तो दूसरी तरह मुंबई के सायन अस्प‍ताल का एक चौंकाने वाला वीडियो वायरल हुआ है। शर्मनाक वीडियो को देखकर आपको महाराष्ट्र में स्वास्थ्य व्यवस्था पर तरह आएगा। बीजेपी नेता नारायण राणे द्वारा वीडियो वायरल करने के बाद महाराष्ट्र में कोरोना मरीजों के इलाज को लेकर सियासी बवाल चर पर पहुंच गया है। विपक्ष पूरी तरह से सरकार को घेरने में जुटा है।
कोरोना वार्ड में पड़े मिले 7 शव

बीएमसी के अस्पतालों में लापरवाही का आलम यह है कि कम से कम 7 शव वीडियो में देखे जा सकते हैं। साथ ही वीडियो में यह साफ दिखाई दे रहा है कि एक ही वाडॅ में कोरोना मरीजों के शव रखें हैं। वहीं पर कोरोना मरीजों का इलाज भी जारी है।
नितेश राणे ने इस घटना को बताया शर्मनाक

महाराष्ट्र बीजेपी के विधायक नितेश राणे ने बुधवार को इस वीडियो को अपनी टिप्पणी के साथ पोस्ट किया। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा है। बीएमसी के सायन अस्पताल में कोरोना मरीजों के शवों के बगल में कोरोना मरीज सो रहे हैं ! वहीं पर उनका इलाज हो रहा है। यह घोर लापरवाही की जीता जागता प्रमाण है। यह कैसा प्रशासन है! यह बहुत ही शर्मनाक है!
https://twitter.com/mybmc?ref_src=twsrc%5Etfw
24 घंटे में रिपोर्ट देने का निर्देश

इस मुद्दे पर जहां विरोधी दल के नेता कोरोना मरीजों की इलाज की तैयारियों को लेकर महाराष्ट्र सरकार को घेरने में जुटी हैं वहीं सरकार और अस्पताल प्रशासन ने इस घटना को लेकर सफाई पेश की है। फिलहाल कोरोना से मरने वाले मरीजों के शव वॉर्ड के बेडों पर रखने की गंभीर भूल की चौतरफा आलोचना होने के बाद बृहन्मुंबई महानगर पालिका ( बीएमसी ) ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है।
बीएमसी ने जो तीन सदस्यीकय जांच समिति बनाई है उसे 24 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है। बीएमसी ने आश्वा‍सन दिया है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
राजेश टोपे ने बताई ये मजबूरी

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि 30 मिनट के भीतर कोरोना मृतक के परिजनों को शव निकाल लेना चाहिए, लेकिन कुछ देर तक डर के मारे वो शव को लेने से हिचकिचाते रहे। परिजनों द्वारा शव लेने से इनकार करने के बाद उसे मोर्चरी में भेजना पड़ता हैं। इस सभी प्रक्रिया का पालन करने में समय लगता है। अब हमने निर्देश दिया है कि 30 मिनट से भी कम समय में शरीर का निस्तारण किया जाना चाहिए।
https://twitter.com/mybmc?ref_src=twsrc%5Etfw
मिलिंद देवड़ा ने जताई नाराजगी, बीएमसी से पूछे सवाल

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने भी इस घटना पर सख्त नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा है कि सायन अस्पताल में कोरोना मरीजों के बगल में उसी बीमारी से मरे लाशों को देखकर में बहुत नाराज हूं। COVID-19 लाशों के निस्तारण करते समय WHO के निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन होना चाहिए था। BMC ( बृहन्मुंबई नगर निगम) WHO के दिशा निर्देशों का पालन क्यों नहीं किया? हालांकि सार्वजनिक अस्पताल के कर्मचारी सीमित संसाधनों के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ काम कर रहे हैं। अब इस मामले में प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है।
अस्पताल प्रशासन से किया खुद का बचाव

सायन अस्पताल के डीन प्रमोद इंगले ने कहा कि कोविद-19 से मरने वालों के परिजन शव लेने से बचते रहे थे। उन्होंने बताया कि यही कारण है कि शवों को वहां रखा गया था। हमने अब शव निकाले हैं और इस मामले की जांच कर रहे हैं।
शवों को मोर्चरी में क्यों नहीं शिफ्ट किया गया, इस पर डॉ. इंगले ने कहा कि अस्पताल की मोर्चरी में 15 स्लॉट हैं, जिनमें से 11 पहले से ही भरे हुए हैं। अगर हम सभी शवों को मोर्चरी में शिफ्ट कर देंगे, तो यह शवों के लिए एक समस्या होगी। हमें उनका भी ख्याल रखना होता है जो COVID-19 के अलावा अन्य कारणों से मरते हैं।
अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि वीडियो को तब फिल्माया गया है, जब वे शवों को स्थानांतरित करने के लिए परिजनों की सहमति का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एक बार एक बॉडी प्लास्टिग बैग में पैक होने के बाद संक्रमण फैलने की कोई गुंजाइश नहीं होती है।
ये है कोरोना शव को रखने का नियम

बीएमसी की ओर से कहा गया है कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार कोरोना से मरने वाले का शव आधे घंटे के भीतर मृतक के परिवार को देना होता है। ताकि उसका अंतिम संस्कावर तुरंत हो सके। कई मामलों में परिवार की ओर से दिया गया नंबर गलत होता है या वे शव लेने नहीं आते हैं। ऐसे हालात में भी वॉर्ड से शवों को तत्काल हटाने के नियम हैं।
परिवार वाले शव लेना नहीं चाहते

बीएमसी की ओर से जारी बयान के मुताबिक शव को मॉर्च्युहरी में रखने के लिए भी कई नियमों का पालन करना होता है जैसे इसके लिए पुलिस की अनुमति जरूरी है। कोरोना को फैलने से रोकने के लिए शव को कहीं और भी नहीं रख सकते। इन सब बातों में समय लगता है। लेकिन दोबारा ऐसी घटना न हो इसके आदेश दिए गए हैं।
वायरल वीडियो में दिखे थे शव

इससे पहले वायरल हुए वीडियो में साफ दिख रहा है कि अस्पताल के वॉर्ड में कई मरीज बेड पर लेटे हैं। मरीजों के बीच में काले प्लास्टिक के बैगों में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के शव भी वॉर्ड के बेडों पर रखे हैं। कुछ शवों को कपड़ों से तो कुछ कंबल से ढका गया है। बताया जा रहा है कि वॉर्ड में मरीजों के बीच कई ऐसे शव पड़े थे।

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