शिवसेना के अनुसार यदि राम मंदिर के निर्माण में घोटाले का दाग है तो खुद पीएम मोदी को इसमें दखल देना चाहिए। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में मंगलवार को कहा कि राम मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और ईमानदार होने की आवश्यकता है। यह राष्ट्रीय गर्व से जुड़ा है। इससे पहले सोमवार को शिवसेना के नेता व प्रवक्ता संजय राउत ने भी ट्रस्ट पर कई सवाल उठाए।
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संजय राउत के अनुसार जमीन की खरीद को लेकर जो आरोप लगाए गए हैं, वे काफी गंभीर हैं। इन आरोपों को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, मंदिर के ट्रस्ट और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को लोगों के सामने साक्ष्य के साथ पूरी सच्चाई रखनी चाहिए। वहीं सामना के संपादकीय में सीधे पीएम नरेंद्र मोदी के दखल की मांग की गई है।
रिपोर्ट के अनुसार राउत ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण और उसकी प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी होनी चाहिए। इस बात की उम्मीद है कि ऐसी कोई घटना न हो, जिससे करोड़ों भक्तों की आस्था को धक्का लगे। लेकिन इसी बीच यह वाक्या सामने आया है। यह आरोप कितने सच्चे हैं और झूठे इसका पता लगाया जाए। इस बारे में जल्द से जल्द सच्चाई सामने आनी चाहिए।
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शिवसेना ने मुखपत्र में कहा कि राम मंदिर का निर्माण राष्ट्रीय गर्व का विषय है। इस निर्माण में अगर कोई दाग लगता है तो सीधे पीएम मोदी और आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत को इसमें दखल देने की आवश्यकता है। इस मामले के सामने आने के बाद से ही शिवसेना लगातार भाजपा पर हमला कर रही है। मुंबई से भाजपा के विधायक अतुल भाटखलकर ने शिवसेना को नसीहत दी है कि वह राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को लेकर कोई विवाद उत्पन्न न करे। उसके यह आरोप देश के करोड़ों राम भक्तों की आस्था का दिल दुखाएंगे। उन्होंने कहा कि शिवसेना ने राम मंदिर के निर्माण के लिए 1 करोड़ रुपये का दान किया है। वह चाहे तो अपनी इस रकम को वापस ले सकती है।