बुरहान की बरसी पर जारी हुआ था अलर्ट हिज्बुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी की दूसरी बरसी से पहले जम्मू कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई थी। यासीन मलिक को पुलिस ने पांच जुलाई 2018 की सुबह उनके घर से हिरासत में ले लिया था। यासीन को हिरासत मेें अलगाववादी खेमे द्वारा राष्ट्रविरोधी प्रदर्शनों की साजिश रचे जाने का संज्ञान लेते हुए हालात को सामान्य बनाए रखने के लिए हुई थी। उस वक्त पुलिस अधिकारी ने बताया कि मलिक को मैसूमा में उनके घर से हिरासत में लिया गया और उन्हें मैसूमा थाने में हवालात में रखा गया। जबकि हुर्रियत कांफ्रेंस के नरमपंथी धड़े के प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक को उनके आवास पर नजरबंद किया गया था। अलगाववादियों ने 8 जुलाई को घाटी में हड़ताल का आह्वान किया था। जो बेअसर रहा। कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया था। गौरतलब है कि सुरक्षाबलों ने अनंतनाग जिले के कोकरनाग में 8 जुलाई 2016 को बुरहान वानी को मार गिराया था। बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में लंबे समय तक प्रदर्शन हुआ, साथ ही घाटी के कई युवाओं ने आंतक की राह पकड़ ली थी। लेकिन फिर भी सुरक्षाबलों और प्रशासन ने उनको वापस अमन और चैन के रास्ते पर लगाने का प्रयास किया।