आपको बता दें कि खगोलविदों ने जिस फारफारआउट पिंड को खोजा है। उस पिंड की दूरी इतना ज्यादा है कि उसे सूर्य की परिक्रमा पूरी करने में इसे 1000 साल का समय लगता है।
वैज्ञानिकों ने दो साल के अध्ययन के बाद इस फारफारआउट पिंड के खोज को लेकर पुष्टि की है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, सौर मंडल में खोजी गई यह वस्तु पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी की तुलना में 132 गुना अधिक है।
सौरमंडल में सबसे दूर पाया जाने वाला पिंड फारफारआउट का आकार काफी छोटा है। ये आकार इतना कम है कि इस पिंड को आसानी से नहीं देखा जा सकता है।
अनुमान के मुताबिक, इसका व्यास करीब 400 किलोमीटर के करीब है। यह बौने आकाशीय पिंड प्लूटो की श्रेणी में आता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले समय में इस पिंड के अध्ययन से और चौंकाने वाले रहस्य सामने आ सकते हैं।
वैज्ञानिकों की मानें तो सौरमंडल में सबसे दूर पाए जाने वाले पिंड को पूरी तरह समझने में काफी लंबा वक्त लगेगा। इसके बाद ही इसे स्थायी नाम दिया जा सकेगा।
वैज्ञानिकों के मुताबिक इस पिंड को समझने की प्रक्रिया में काफी लंबा वक्त इसलिए लगेगा क्योंकि इसके चलने की गति बहुत धीमी है। 3 साल पहले ही खोजा था ऐसा पिंड
खगोलविदों की एक टीम में हवाई यूनिवर्सिटी, कारनेगी इंस्टीट्यूशन फॉर साइंस और नोर्दर्न ऐरिजोना यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक शामिल थे।