पुलिस ने अपनी याचिका में कहा कि हाईकोर्ट का निष्कर्ष ‘दस्तावेज के प्रतिकूल और विपरीत’ है और ऐसा लगता है कि यह ‘सोशल मीडिया के कथानक’ पर निर्भर करता है। पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में हाईकोर्ट के तीन जजों की बेंच के मंगलवार को दिए गए फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध करा। दिल्ली दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी, इसमें कई पुलिस वाले थे और 700 लोग घायल हुए थे। पुलिस के अनुसार कोर्ट ने कहा कि दंगे नियंत्रित हो गए इसलिए UAPA (Unlawful Activities Prevention Act) लागू नहीं होता। क्या इस तरह के गंभीर अपराध को कम समझा जा सकता है? आदेश पर रोक लगाई जाए।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को मिसाल के तौर पर उपयोग नहीं किया जा सकता। हम तीनों की बेल रद्द नहीं कर रहे, तीनों आरोपी जेल से बाहर रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा UAPA को लेकर दिए गए फैसले की जांच को तैयार हैं। तीनों आरोपियों को नोटिस दिया गया कि मामले की सुनवाई 19 जुलाई को होगी।