बैंच ने जम्मू-कश्मीर में जारी सभी पाबंदियों की 7 दिनों के अंदर समीक्षा करके रिपोर्ट देने का सख्त आदेश दिया है।
मुरली मनोहर जोशी बोले- जेएनयू के कुलपति को हटाया जाए धारा 144 पर भी सख्ती जम्मू-कश्मीर में धारा 144 लगाए जाने पर बैंच ने कहा कि मजिस्ट्रेट को धारा 144 के तहत पाबंदियों के आदेश देते समय नागरिकों की स्वतंत्रता और सुरक्षा को खतरे की अनुपातिका देखकर विवेक का इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही यह भी कहा कि बार-बार एक ही तरह के आदेश जारी करना भी कानून का उल्लंघन है। इस पर सख्त आदेश देते हुए अदालत ने कहा कि- जम्मू कश्मीर में धारा 144 लगाने के फैसले को सरकार पब्लिक करे। इस बात का उल्लेख भी किया कि चाहे तो प्रभावित व्यक्ति उसे चुनौती दे सकता है।
जहां दुरुपयोग कम, वहां शुरू हो इंटरनेट सेवा बैंच ने अपने आदेश में कहा कि- वर्तमान में व्यापार पूरी तरह इंटरनेट पर निर्भर है। इसलिए जिन जगहों पर इंटरनेट का दुरुपयोग कम है, वहां सरकारी और स्थानीय निकाय में इंटरनेट की सेवा शुरू हो, ताकि व्यापारिक गतिविधियां प्रभावित ना हों।
भाजपा को दिल्ली चुनाव के बाद मिल सकता है नया अध्यक्ष! इंटरनेट अभिव्यक्ति का जरिया अपने आदेश में कोर्ट ने कहा कि- जम्मू कश्मीर में इंटरनेट पर लगे प्रतिबंध की तत्काल प्रभाव से समीक्षा की जाए। यह अभिव्यक्ति की आजादी का जरिया है और संविधान के आर्टिकल 19 के तहत आता है।
इंटरनेट पर अनिश्चितकाल के लिए प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता
तीन जजों की बैंच ने कहा कि- इंटरनेट पर लगी रोक क समय-समच पर समीक्षा होनी चाहिए। इस पर अनिश्चितकाल के लिए प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है। इंटरनेट और बुनियादी स्वतंत्रता के निलंबन को मनमाने ढंग से नहीं चलाया जा सकता।
आंतरिक सुरक्षा के मुद्दों पर शाह व डोभाल ने की उच्चस्तरीय बैठक सरकार का दावा गौर हो, जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खतम करने के बाद केंद्र सरकार ने दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में कई तरह की पाबंदियां लगाई थीं। हालांकि धारा 144 पर केंद्र सरकार का दावा है कि कई जगहों से इसे हटा दिया गया है। केवल कुछ ही जगहों पर यह प्रतिबंध जारी है।
सिर्फ ब्रॉडबैंड से ही हा रहा संपर्क बता दें, पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करके उसे दो केंद शासित राज्यों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया था। तब से घाटी में इंटरनेट सेवा बंद है। इस दौरान केवल ब्रॉडबैंड से ही संपर्क कायम था। सरकार ने लैंडलाइन फोन और पोस्टपेड मोबाइल सेवा भी हाल में ही शुरू की है।