वहीं, जम्मू-कश्मीर पुलिस के आईजी मुकेश सिंह के अनुसार, जम्मू में अवैध रूप से रह रहे, जिन अप्रवासियों के पास पासपोर्ट अधिनियम की धारा (3) के मुताबिक वैध यात्रा दस्तावेज नहीं थे, उन्हें हीरानगर के होल्डिंग सेंटर भेजा जा रहा है। वहीं, बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, कि जम्मू-कश्मीर के गृह विभाग की फरवरी 2018 की एक रिपोर्ट के अनुसार, छह हजार 523 रोहिंग्या पांच जिलों में स्थित 39 कैंप में रहते हैं।
बहरहाल, पुलिस की इस कार्रवाई से जम्मू के विभिन्न कैंप में रह रहे रोहिंग्या अब डरे हुए हैं। जम्मू में भथिंडी के किरयानी तालाब मोहल्ले में तनाव और निराशा का माहौल है। यहां से कई रोहिंग्या को पुलिस ने पकडक़र कठुआ जिले की उप जेल हीरानगर के होल्डिंग सेंटर में भेज दिया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने रोहिंग्या के खिलाफ अपनी कार्रवाई ऐसे समय की है, जब कुछ के पास से आधार कार्ड और पासपोर्ट जैसे फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं।
पुलिस की ओर से कुछ रोहिग्याओं को पकड़े जाने के बाद बस्तियों के तमाम रोहिंग्या एकसाथ आ गए हैं। उनका कहना है कि हम सब एकसाथ जाएंगे, चाहे जहां भी जाना हो। किसी को भी अकेला नहीं छोड़ेगे। इनका कहना है कि जब तक हमारे देश म्यांमार में शांति बहाली नहीं हो जाती, हम वहां वापस नहीं जाएंगे। अगर भारत सरकार को हमसे कोई परेशानी है, तो हमें किसी दूसरे देश के हवाले कर दिया जाए, हम वहां चले जाएंगे। रोहिंग्याओं के मुताबिक, हम अपने देश जाने को तैयार हैं, बस थोड़ा वक्त दिया जाए। हो सकता है कि बीच में एक या दो व्यक्ति ने गलती की है, मगर इसकी सजा हम सबको नहीं दी जानी चाहिए।