बीते 22 अप्रैल को रघुनाथ महापात्र में कोरोना का लक्षण दिखाई देने के बाद उन्हें भुवनेश्वर एम्स में भर्ती कराया गया था। तभी से इनका इलाज चल रहा था। जानकारी के अनुसार, रघुनाथ महापात्र ने रविवार की अपराह्न 3 बजकर 49 मिनट पर भुवनेश्वर एम्स में आखिरी सांस ली।
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बता दें कि कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रघुनाथ महापात्र के परिवार को फोन कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली थी। लेने के लिए उनके परिवार को फोन किया था। रघुनाथ महापात्र का निधन ओडिशा के साथ देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। भास्कर्य शिल्पी तथा राज्यसभा सदस्य पद्मविभूषण रघुनाथ महापात्र का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ संपन्न किया जाएगा।
पीएम मोदी समेत कई नेताओं ने जताया शोक
आपको बता दें कि रघुनात महापात्र के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के दिग्गज नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। पीएम मोदी के अलावा ओडिशा के राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान व अन्य कई वरिष्ठ नेताओं ने शोक प्रकट किया है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि ओडिशा की कला ऐतिह्य के प्रति उनके अवदान को सदैव याद रखा जाएगा। कारूकार्य एवं पत्थर पर खुदाई कर एक सुप्रसिद्ध शिल्पी के तौर पर रघुनाथ महापात्र ने ओडिशा के साथ देश व दुनिया में अपनी ख्याति स्थापित की थी। उनके कृतित्व ही उनके परिचय थे। उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं करने के बावजूद अपनी उच्च आकांक्षा के बल पर राज्य की ख्याति को उन्होंने पूरी दुनिया में पहुंचाने का काम किया था।
1943 में हुना था जन्म
आपको बता दें कि रघुनाथ महापात्रा का जन्म पुरी जिले के सदर ब्लाक खपुरिया गांव में 24 मार्च 1943 को हुआ था। 1975 में केंद्र सरकार ने उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया था। इसके बाद सन् 2001 में उन्हें पद्म भूषण तथा 2013 में पद्म विभुषण सम्मान से केंद्र सरकार ने सम्मानित किया था।
2016 में ओडिशा सरकार ने रघुनाथ मोहपात्रा को ललित कला एकेडमी का अध्यक्ष बनाया था। राज्यसभा सांसद के तौर पर भी मनोनीत होकर वह राज्यसभा के सदस्य बने थे।