– वरिष्ठ अधिवक्ता माजिद मेमन का कहना है कि आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस ने देश को हिला कर रख दिया है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया पर लगाए गए आरोप इस देश के लिए बहुत बड़ा धक्का है। मेमन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट देश का सबसे बड़ा स्तंभ है, न जानें चारों जजों के आरोपों में कितनी सच्चाई है। मेमन ने कहा कि इन आरोपों को अनदेखा किया जा सकता था, लेकिन जब पानी सिर से उपर निकल गया होगा तो इस प्रेस कॉन्फ्रेंस की जरूरत रही होगी।
– कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और यूपीए सरकार में कानून मंत्री रहे सलमान खुर्शीद का कहना है कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि देश की मौजूदा स्थिति में सुप्रीम कोर्ट का बहुत बड़ा योगदान है, लेकिन आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस से गहरा दुख पहुंचा है और ये बेहद ही चिंता का विषय भी है कि सुप्रीम कोर्ट के जज भी इतने तनाव में आ गए हैं। सलमान खुर्शीद ने कहा कि ऐसा क्यों हुआ और ये स्थिति क्यों आई ये एक लंबी गाथा है। हालांकि समय-समय पर ये बातें उठती रही हैं। हम अपेक्षा करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश आपस में मिलकर बात करके समाधन निकाल लें।
उन्होंने कहा कि आज का दिन भारत की न्याय व्यवस्था के लिए काला दिन है। हमारा विश्वास न्याय व्यवस्था पर है। आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद देश के हर आम आदमी और नागरिक सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को शक के दायरे से देखेगा। आने वाला कल और भी खतरनाक होगा कि आने वाले फैसलों में कोर्ट के फैसलों पर भी शक होगा।
बीजेपी के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी 4 जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि इस समस्या का समाधान निकालना बेहद ही आवश्यक है। स्वामी ने कहा है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले जजों पर कोई उंगली नहीं उठा सकता है, क्योंकि वो बहुत ईमानदार और ज्ञानी हैं। स्वामी ने कहा कि मैनें कई बार उनसे सामने केस लड़ा है। हमें उनका सम्मान करना चाहिए। प्रधान मंत्री को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि 4 न्यायाधीश और सीजीआई वास्तव में एक विचार में आते हैं।
आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस को ऐतिहासिक और दुर्भाग्यापूर्ण बताया है, लेकिन उन्होंने कहा है कि ये जरूरी भी था। सोचा नहीं था कि सुप्रीम कोर्ट को ऐसा दिन देखना होगा, ये बेहद चिंता की बात है।