अड़े रहेंगे तो गिरा दिए जाएंगे
पिता विजयपत सिंघानिया द्वारा लगाए गए आरोपों पर एक साक्षात्कार के दौरान गौतम सिंघानिया यानि जूनियर सिंघानिया ने कहा कि अगर आप एक पेड़ की तरह कठोर और अड़े रहेंगे तो गिरा दिए जाएंगे या फिर तोड़ दिए जाएंगे। जो लोग समय के साथ खुद को बदलेंगे नहीं वो रास्ते से किनारे लगा दिए जाएंगे। जो वक्त के साथ नहीं बदलते, खाक हो जाते हैं।
जूनियर सिंघानिया ने कहा कि दुनियाभर के उद्योग तेजी से बदल रहे हैं, ऐसे दौर में अगर आपको उन्हें टक्कर देना है तो खुद में बदलाव करना बेहद जरुरी है। आज बाजार में रेमंड एक नए अवतार में है। हमने प्रबंधन में बड़ा बदलाव किया है। एडवाइजरी बोर्ड और कॉर्पोरेट एडमिस्ट्रेटर में ऊंचे स्तर पर बड़ा फेरबदल कर आगामी दो साल ही नहीं बल्कि 20 वर्षों के लिए अपना स्थान बनाया है।
अपार्टमेंट में अपने हिस्से के लिए वीनादेवी और अनंत ने पहले से ही एक संयुक्त याचिका दायर की हुई है, वहीं अक्षयपत ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक अलग याचिका दायर की है। विजयपत सिंघानिया के वकील दिनयर मेडन ने कोर्ट को बताया कि 78 वर्षीय सिंघानिया ने अपनी सारी संपत्ति अपने बेटे के नाम कर दी, लेकिन बेटा अब उनपर ध्यान नहीं दे रहा है।
वकील ने बताया कि सिंघानिया ने कंपनी में अपने सारे शेयर अपने बेटे के हिस्से में दे दिए। इन शेयर्स की कीमत 1000 करोड़ रुपये के करीब थी। आरोप है कि सिंघानिया की गाड़ी और ड्राइवर भी छीन लिए गए हैं।
1960 में बने इस मकान तब 14 मंजिला था। बाद में इस बिल्डिंग के 4 ड्यूपलेक्स रेमंड की सब्सिडरी पश्मीना होल्डिंग्स को दे दिए गए। साल 2007 में, कंपनी ने इस बिल्डिंग को फिर से बनवाने का फैसला किया। समझौते के मुताबिक सिंघानिया और गौतम, वीनादेवी (सिंघानिया के भाई अजयपत सिंघानिया की विधवा), और उनके बेटों अनंत और अक्षयपत सिंघानिया को एक-एक ड्यूपलेक्स मिलना था। इसके लिए उन्हें 9 हजार प्रति वर्ग फीट की कीमत चुकानी थी।