हरियाणा के अंबाला एयरबेस ( Ambala Air Base ) पर लैंडिंग से पहले रफाल ने इंडियन नेवी की वॉरशिप आईएनएस कोलकाता से संपर्क किया है। फ्रांस से आने वाले इन पांच रफाल लड़ाकू विमानों के स्वागत के लिए खुद वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शन ( Air Chief Marshal ) आरकेएस भदौरिया ( RKS Bhadauria ) मौजूद रहे। इस दौरान लड़ाकू विमानों को पानी की बौछारों से सलामी दी गई। बाद में एक क्लोज डोर सेरेमनी के जरिए इन रफाल विमानों को भारतीय वायुसेना में शामिल किया जाएगा।
आपको बता दें कि सुबह संयुक्त अरब अमीरात ( UAE ) के अल दाफ्रा एयरबेस से रफाल के इन पांचों विमाने ने उड़ान भरी थी। ये विमान 7 हजार किलोमीटर की दूरी तय कर भारत पहुंच रहे हैं। हालांकि अंबाला में अगर मौसम खराब रहता है को वायुसेना ने अपना प्लान बी भी तैयार रखा। इसके तहत इन विमानों की लैंडिंग राजस्थान के जोधपुर एयरबेस में कराई जाएगी।
ट्रेन यात्रियों के लिए आई खुशखबरी, अब टिकट बुकिंग के लिए नहीं देना होगा एक्स्ट्रा चार्ज, जानें और क्या हुए फायदे ऊपर जो रफाल विमानों की तस्वारें आप देख रहे हैं, वो उस वक्त की पहली तस्वीरें हैं जब रफाल के पांच विमानों ने भारतीय वायुसीमा में एंट्री की थी।
देश की वायुसीमा में घुसते ही रफाल जेट के पायलट ने INS कोलकाता के कैप्टन के बातचीत की है। इस दौरान कैप्टन ने रफाल के पायलट को बधाईयां दी और कहा ‘इंडियन नेवी की वॉरशिप डेल्टा 63 में आपका स्वागत है।
पानी की बौछारों से दी जाएगी सलामी रफाल के पांच विमानों के भारत पहुंचते ही इन्हें पानी की बौछारों से सलामी दी जाएगी। इसको लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है। इस दौरान एयरचीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया भी मौजूद रहेंगे।
शाम 5 बजे तक धारा 144 लागू
अंबाला में रफाल विमान के आने से पहले ही जोरदार तैयारियां चल रही हैं। अंबाला एयरबेस से सटे चार गांव में शाम पांच बजे तक धारा 144 लगा दी गई है। यहां आधिकारिक फोटोग्राफी से अलग फोटो खींचने पर रोक लगा दी गई है, साथ ही एक जगह लोगों के जुटने पर रोक है।
अंबाला में आज मौसम बिगड़ सकता है, मौसम विभाग की ओर से बारिश होने की चेतावनी दी गई है. ऐसे में जोधपुर में बैकअप प्लान तैयार है, जहां राफेल को उतारा जा सकता है।
कोरोना संकट के बीच सरकार का बड़ा फैसला, 31 अगस्त तक बढ़ाया गया लॉकडाउन गोल्डन ऐरो 17 स्क्वाड्रन में होगा शामिल भारत में आने के बाद रफाल विमान को वायुसेना की गोल्डन ऐरो 17 स्क्वाड्रन में शामिल किया जाएगा। दरअसल गोल्डन एरो 17 स्क्वाड्रन ने कारगिल युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी। यही नहीं यह भारत की सबसे पुरानी स्क्वाड्रन में से भी एक है।इस स्क्वाड्रन में 18 रफाल लड़ाकू विमान तीन ट्रैनर और बाकी 15 फाइटर जेट्स होंगे।
वायुसेना में शामिल होने के बाद रफाल विमानों को तुरंत चीन सीमा पर तैनात कर दिया जाएगा। रफाल की ताकत पर एक नजर
– रफाल का कॉम्बैट रेडियस 3700 KM है, यानी उड़ान स्थल से इतनी दूरी पर विमान सफलतापूर्वक हमला कर लौट सकता है।
– भारत को मिलने वाले रफाल में तीन तरह की मिसाइल लग सकती हैं। हवा से हवा में मार करने वाली मीटियोर, हवा से जमीन में मार करने वाल स्कैल्प और हैमर मिसाइल
– रफाल एक मिनट में 18 हजार मीटर की ऊंचाई पर जा सकता है
– यह पाकिस्तान के F-16 या चीन के J-20 से बेहतर माना जा रहा है
– भारत ने अपनी जरूरत के हिसाब से इसमें हैमर मिसाइल लगवाई है. हैमर (HAMMER) यानी Highly Agile Modular Munition Extended Range एक ऐसी मिसाइल है, जिनका इस्तेमाल कम दूरी के लिए किया जाता है