शीर्ष अदालत से एजी केके वेणुगोपाल ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर इस तरह से गोपनीय जानकारी डालने से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो गया है। ये दस्तावेज लीक किए गए हैं जो चोरी के समान हैं और इसके लिए अंदरूनी जांच शुरू की गई है। यह जानकारी सार्वजनिक करना देश की संप्रभुता, सुरक्षा और विदेश से मैत्रीपूर्ण संबंधों के खिलाफ है।
एजी के बयान पर प्रशांत भूषण ने अदालत से कहा कि 2जी घोटाला और कोयला घोटाले में भी व्हिसल ब्लोअर ने दस्तावेज लीक किए थे। क्या दस्तावेज का पब्लिक डोमेन में आना अपराध है? बता दें कि शीर्ष अदालत ने 58,000 करोड़ रूपए के लड़ाकू विमान खरीदने के लिए भारत और फ्रांस के बीच हुए सौदे में कथित अनियमितताओं के लिए प्राथमिकी दर्ज करने और न्यायालय की निगरानी में जांच कराने का अनुरोध भी ठुकरा दिया था।