हमले से 10 मिनट पहले पत्थरबाजी
श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर गुरुवार की दोपहर 3.15 बजे जैश-ए-मुहम्मद (जेईएम) के एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदी एसयूवी को सीआरपीएफ की बस में मार दिया। इसी काफिले में सवार जवान ने कहा कि हमले के करीब दस मिनट पहले कुछ लोग पथराव कर रहे थे। बाजार में लोग दुकानों के शटर जल्दी-जल्दी गिरा रहे थे। जबतक गाड़ी में बैठे जवानों की समझ में कुछ आता, धमाका हो गया। बताया जाता है कि जानकारी देने वाला यह जवान काफिले में 35-40 गाड़ियों के पीछे था।
आतंकियों को थी काफिले की पूरी जानकारी!
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शुरुआती जांच से पता चला है कि आतंकियों को सीआरपीएफ के काफिले के बारे में पहले से जानकारी थी। इसी वजह से उन्होंने हमले के लिए उस इलाके को चुना जहां आम तौर पर गाड़ियों की रफ्तार कम हो जाती है, क्योंकि ये ढलान वाला इलाका है।
जैश ने ली हमले की जिम्मेदारी
हमले का जिम्मा पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने लिया है, लेकिन पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर इसे खारिज कर दिया। बयान में कहा गया कि भारत सरकार और मीडिया ने बिना किसी जांच के इस आतंकवादी हमले का संबंध पाकिस्तान से जोड़ दिया।
एनआईए कर रही है जांच
फिलहाल हमले के संबंध में पुलिस को जांच में सहयोग करने के लिए 12 सदस्यीय राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की टीम मौके पर पहुंच चुकी है।