यह दिवस उत्तर प्रदेश में वाराणसी के निकट वर्तमान समय के सारनाथ में ऋषिपटन स्थित हिरण उद्यान में गुरु पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। महात्मा बुद्ध की ओर से अपने प्रथम पांच तपस्वी शिष्यों को दिए गए ‘प्रथम उपदेश’ को ध्यान में रखकर इस दिन को मनाया जाता है।
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पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की अर्थव्यवस्था को लेकर चेतावनी, कहा- आने वाला है 1991 से भी मुश्किल समय प्रधानमंत्री मोदी ने इस बारे में ट्वीट कर जानकारी दी। पीएम मोदी ने ट्विट करते हुए लिखा, ‘कल 24 जुलाई को लगभग 8:30 बजे आषाढ़ पूर्णिमा-धम्म चक्र दिवस कार्यक्रम में अपना संदेश साझा करूंगा।’
आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरू पूर्णिमा कहा जाता है। पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है। माना जाता है कि इसी दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। क्योंकि गुरु वेद व्यास ने ही पहली बार मानव जाति को चारों वेद का ज्ञान दिया था, इसलिए उन्हें प्रथम गुरू मानते हुए उनकी जन्मतिथि को गुरू पूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है।
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नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभालते ही कही इतनी बड़ी बात बता दें कि इस वर्ष गुरू पूर्णिमा 23 जुलाई 2021 को सुबह 10:43 बजे से शुरू होकर 24 जुलाई 2021 की सुबह 08:06 बजे तक रहेगी, लेकिन उदया तिथि के कारण इसे 24 जुलाई को मनाया जा रहा है।
क्या है धम्म चक्र दिवस?
उत्तर प्रदेश में वाराणसी के निकट वर्तमान समय के सारनाथ में ऋषिपटन स्थित हिरण उद्यान में महात्मा बुद्ध द्वारा अपने प्रथम पांच तपस्वी शिष्यों को दिए गए ‘प्रथम उपदेश’ को ध्यान में रखकर ‘धम्म चक्र दिवस’ मनाया जाता है।
यह दिन दुनिया भर के बौद्धों की ओर से धम्म चक्र प्रवर्तन या ‘धर्म के चक्र के घूमने’ के दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन को बौद्धों और हिंदुओं दोनों ही की ओर से अपने-अपने गुरु के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए ‘गुरु पूर्णिमा’ के रूप में भी मनाया जाता है।