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नाक के जरिए Corona Vaccine देने की तैयारी, जानें क्या होगा फायदा

दुनियाभर में कोरोना संकट के बीच तैयार हो रहीं 300 से ज्यादा Corona Vaccine
करीब पांच कोरोना वैक्सीन नाक के जरिए देने की हो रही तैयारी
नाक के जरिए दी जाने वाली वैक्सीन को नेजल या इंट्रानेजल वैक्सीन कहा जाता है

Sep 28, 2020 / 11:07 am

धीरज शर्मा

Coronavirus Vaccine

कोरोना वायरस संकट के बीच नाक से वैक्सीन देने की तैयारी

नई दिल्ली। कोरोना वायरस से संक्रमितों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। यही वजह है कि देशभर की नजर अब कोरोना वैक्सीन ( Corona Vaccine ) पर टिकी हुई है। आपको बता दें कि दुनियाभर में 300 से ज्यादा कोरोना वैक्सीन पर काम किया जा रहा है। इनमें से पांच पर नाक के जरिए वैक्सीन देने की तैयारी हो रही हैं। दुनियाभर में तैयार हो रहीं कोरोना वैक्सीन में से ज्यादा ज्यातर वैक्सीन को इंजेक्शन के जरिए दिया जाना है, लेकिन कुछ वैक्सीन ऐसी भी हैं जिन्हें नाक से देने की तैयारी की जा रही है।
नाक के जरिए दी जाने वाली वैक्सीन को नेजल या इंट्रानेजल वैक्सीन कहा जाता है। दरअसल कोरोना वायरस का हमला ज्यादातर नाक के जरिए ही होता है, यही वजह है कि इसकी टेस्टिंग भी नाक ही की जाती है। आईए जानते हैं नाक से वैक्सीन कैसे दी जाती है और इसका क्या फायदा है।
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कोरोना वायरस ज्यादातर नाक के जरिए शरीर में एंट्री करता है। वैज्ञानिकों का तर्क है कि जिन टिश्‍यूज से पैथोजेन का सामना होगा, उन्‍हीं टिश्‍यूज में इम्‍युन रेस्‍पांस ट्रिगर करना असरदार हो सकता है। यानी नाक के जरिए घुसते ही कोरोना वायरस जिन टिस्यूज पर हमला करता है तो ऐसे में इन्हीं टिश्यूज में वैक्सीन इंजेक्शन के जरिए देना फायदेमंद हो सकता है।
नेजल स्‍प्रे भी कारगर
वहीं कुछ वैज्ञानिक ये मानते हैं कि नाक से वैक्सीन इंजेक्शन की बजाय स्प्रे के जरिए देना भी कारगर हो सकता है। दरअसल एक बड़ी आबादी को इंजेक्‍शन लगवाने से डर लगता है।
नाक से वैक्सीन देने का फायदा
नाक से वैक्सीन देना फायदेमंद है या नहीं इसके लिए एक प्रयोग किया गया। इसके तहत चूहों के एक ग्रुप को इंजेक्‍शन के जरिए वैक्‍सीन दी गई। फिर SARS-CoV-2 से एक्‍सपोज कराने के बाद, फेफड़ो में कोई वायरस नहीं मिला, लेकिन वायरल आरएनए का कुछ हिस्‍सा जरूर पाया गया।
वहीं जिन चूहों को नाक के जरिए वैक्‍सीन दी गई थी, उनके फेफड़ों में वायरल आरएनए नहीं मिला। यही नहीं नेजल वैक्‍सीन IgC और म्‍यूकोसल IgA डिफेंडर्स को भी बढ़ावा देती हैं ये दोनों ही वैक्‍सीन के असरदार बनाने में सहायक हैं।
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ऐसे काम करती है नेजल वैक्सीन
डॉक्टर एक छोटी सी सीरिंज के जरिए आपकी नाक में एक स्प्रे करते हैं। नाक के जरिए दी जाने वाली दवा तेजी से नेजल म्यूकोसा में सोख ली जाती है, फिर धमनियों और रक्त कोशिकाओं में पहुंचती है।
नाक से वैक्सीन देने पर ये आपके इम्युन सिस्टम को खून और नाक में प्रोटीन बढ़ाने के लिए मजबूर करती है। इससे वायरस से लड़ने में सहायता मिलती है।

हालांकि अब तक वैज्ञानिकों का कहना है कि नेजल वैक्सीन बच्चों पर असरदार है, लेकिन वयस्कों पर इसका असर कुछ कम होता है।

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