केंद्र सरकार का राज्यों को अलर्ट, ब्लैक फंगस के बाद इन संक्रमणों से लड़ाई के लिए रहें तैयार
कोरोना महामारी के बीच सामने आए ब्लैक फंगस के बाद अन्य संक्रमणों का भी खतरा मंडराने लगा है। केंद्र सरकार ने समय रहते राज्यों को इनसे निपटने और काबू पाने के उपाय अपनाने के लिए अलर्ट जारी किया है।
Prepare for other infections, Centre Govt alerts states, advisory on Black Fungus
नई दिल्ली। कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कहर के बाद ब्लैक फंगस के तेजी से बढ़ते मामलों ने केंद्र सरकार की चिंता बढ़ा दी है। केंद्र सरकार ने मौजूदा हालात को ध्यान में रखते हुए शुक्रवार को राज्यों को अलर्ट जारी किया है कि वे अन्य संक्रमण फैलने से पहले खुद को तैयार कर लें। केंद्र सरकार का यह अलर्ट शुक्रवार को राज्यों के लिए ब्लैक फंगस को लेकर जारी गाइडलाइंस के साथ आया है।
Must Read: क्यों कोरोना की दूसरी लहर में युवाओं का मजबूत इम्यून सिस्टम बना बड़ा दुश्मन केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने शुक्रवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि सभी कोविड-19 अस्पताल और अन्य स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के तरीकों का पालन करें। केंद्र सरकार के यह दिशानिर्देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा म्यूकोर्माइकोसिस या ब्लैक फंगस के खतरे को उजागर करने के बाद आए हैं।
ब्लैक फंगस के मामलों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी पर ध्यान देते हुए केंद्र ने कहा कि राज्यों को “द्वितीयक और मौका तलाश कर हमला करने वाले फंगल संक्रमणों से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए जो वर्तमान में कोविड के मामलों में वृद्धि के चलते बढ़ रहे हैं।”
केंद्र सरकार ने अपनी एडवायजरी में कहा कि आने वाले समय में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से वेंटिलेटर से जुड़े निमोनिया, कैथेटर से जुड़े रक्त प्रवाह संक्रमण, कैथेटर से जुड़े युरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, सर्जिकल साइट संक्रमण, गैस्ट्रो-इंस्टेस्टाइनल इंफेक्शन पर ध्यान देने के साथ निगरानी स्थापित करने की उम्मीद है।
Must Read: Covid-19 वैक्सीनेशन से पहले और बाद में मत करें ये 6 काम मौका तलाश कर हमला करने यानी अपॉर्च्युनिस्टिक संक्रमण वे होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली के कमजोर होने पर शरीर को प्रभावित करते हैं। देश में ब्लैक फंगस के मामलों में अचानक वृद्धि के बीच डॉक्टरों ने इस बात पर जोर दिया है कि म्यूकोर्माइकोसिस कोई नया संक्रमण नहीं है। यह फंगस हवा, मिट्टी और यहां तक कि भोजन में भी मौजूद होता है।
इस संक्रमण के मामले 2003 में सार्स के प्रकोप के दौरान भी सामने आए थे, लेकिन कथित रूप से यह दुर्लभ बीमारी वर्तमान में भारत में आंशिक रूप से कोविड -19 उपचार के कारण और कुछ चिकित्सीय हालात के कारण बढ़ रही है।