नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपतिप्रणब मुखर्जी को आज देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न दिया जाएगा। इनके अलावा जनसंघ के नेता नानाजी देशमुख और प्रख्ता गायक भूपेन हजारिका को भी यह सम्मान दिया जाएगा। प्रणब मुखर्जी के अलावा इन दोनों को यह सम्मान मरणोपरांत दिया जाना है।
भारत रत्न सम्मान का एलान गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 25 जनवरी को किया गया था। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, मरणोपरांत सामाजिक कार्यकर्ता नानाजी देशमुक और ख्यातिप्राप्त असमिया गायक भूपेन हजारिका को भारत रत्न देंगे।
पढ़ें- बाबा रामदेव का बड़ा बयान, सन्यासी को भी मिले भारत रत्न, अभी तक न मिलना देश का दुर्भाग्य रामनाथ कोविंद से पहले प्रणब मुखर्जी देश के राष्ट्रपति थे। उन्होंने भारतीय राजनीति में काफी लंबी पारी खेली है। मुखर्जी ने करियर की शुरुआत कोलकाता के डिप्टी अकाउंटेंट जनरल कार्यालय में बतौर क्लर्क की थी। मेहनत और बुद्धिमत्ता उन्हें न सिर्फ राजनीति में लाई बल्कि उन्होंने राजनीति के क्षेत्र में इतना अच्छा काम किया कि उन्हें देश का राष्ट्रपति बनाया गया। प्रणब मुखर्जी लंबे समय के लिए देश की आर्थिक नीतियों को बनाने में महत्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं। उनके नेत़़ृत्व में ही भारत ने अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के ऋण की 1.1 अरब अमेरिकी डॉलर की अन्तिम किस्त नहीं लेने का गौरव अर्जित किया था। मुखर्जी को साल 1997 में सर्वश्रेष्ठ सांसद का अवार्ड भी मिला था।
पढ़ें- प्रणब दा बोले- मैं आभार के साथ स्वीकार करता हूं सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न नानाजी देशमुख जनसंघ के संस्थापकों में शामिल थे। इसके अलावा वह एक समाजसेवी भी थे। 1977 में जब जनता पार्टी की सरकार बनी, तो उन्हें मोरारजी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। हालांकि, उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया था। अटल सरकार में उन्हें राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया गया था। अटल सरकार में ही नानाजी को पद्म विभूषण से दिया गया था।
भूपेन हजारिका भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम से एक बहुमुखी प्रतिभा के गीतकार, संगीतकार और गायक थे। इसके अलावा वे असमिया भाषा के कवि, फिल्म निर्माता, लेखक और असम की संस्कृति और संगीत के अच्छे जानकार भी रहे थे। वे भारत के ऐसे विलक्षण कलाकार थे जो अपने गीत खुद लिखते थे, संगीतबद्ध करते थे और गाते भी थे। हजारिका को साल 1975 में सर्वोत्कृष्ट क्षेत्रीय फिल्म के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार, 1992 में सिनेमा जगत के सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहब फाल्के सम्मान से सम्मानित किया गया। 2011 में उन्हें पद्म भूषण अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।