Cabinet Meeting के फैसलों को लेकर केंद्रीय मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंसMSME से लेकर किसानों की फसलों तक के लिए कई घोषणाएं
•Jun 01, 2020 / 05:04 pm•
Mohit sharma
इस दौरान मौजूद कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने जानकारी देते हुए बताया कि सारा देश इस बात का साक्षी है कि वायरस के संकट के समय भी जब लॉकडाउन रहा, तब भी भारत सरकार और मोदी जी के फैसलों के केंद्र में गरीब और कमजोर तबका रहा।
कृषि के क्षेत्र में काम न रुके इसका ध्यान रखा गया। जब लॉक़डाउन लगा , तो फसल कटाई के लिए खड़ी थी।
लेकिन सरकार ने इस बारे में संवेदनशीलता दिखाई और किसान अपना काम कर पाए और इस साल किसानों ने देश को बंपर फसल दी है।
2018-19 में सरकार ने फैसला किया था कि किसानों को उनके उत्पादन में कम से कम पचास फ़ीसदी मुनाफ़ा मिलना चाहिए। पीएम मोदी के नेतृत्व में इस दिशा में गंभीरता से काम हुआ है। सरकार ने अब तक 360 मीट्रिक टन गेहूं अब तक ख़रीदा है। दलहन-तिलहन की खऱीद चल रही है। देश के किसानों ने प्रतिकूल समय में भी बंपर उत्पादन किया है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने बताया कि हमारे देश के जीडीपी में २९ प्रतिशत हिस्सा एमएसएमई का है। हमारे देश में करीब 6 करोड़ एमएसएमई हैं। इन्होंने 11 करोड़ नौकरियां दी हैं। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में आज एमएसएमई के बारे में कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए हैं। स्मॉल सेक्टर – निवेश पांच करोड़ थी, अब 10 करोड़ कर दी गई है। गडकरी ने कहा कि मीडियम इंडस्ट्री – निवेश पहले 10 करोड़ थी, अब 20 करोड़ कर दिया गया और टर्नओवर 100 करोड़ कर दिया गया। MSME को लोन देने के लिए ३ लाख करोड़ की योजना है।
इस दौरान मौजूद कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने जानकारी देते हुए बताया कि सारा देश इस बात का साक्षी है कि वायरस के संकट के समय भी जब लॉकडाउन रहा, तब भी भारत सरकार और मोदी जी के फैसलों के केंद्र में गरीब और कमजोर तबका रहा।
कृषि के क्षेत्र में काम न रुके इसका ध्यान रखा गया। जब लॉक़डाउन लगा , तो फसल कटाई के लिए खड़ी थी।
लेकिन सरकार ने इस बारे में संवेदनशीलता दिखाई और किसान अपना काम कर पाए और इस साल किसानों ने देश को बंपर फसल दी है।
2018-19 में सरकार ने फैसला किया था कि किसानों को उनके उत्पादन में कम से कम पचास फ़ीसदी मुनाफ़ा मिलना चाहिए। पीएम मोदी के नेतृत्व में इस दिशा में गंभीरता से काम हुआ है। सरकार ने अब तक 360 मीट्रिक टन गेहूं अब तक ख़रीदा है। दलहन-तिलहन की खऱीद चल रही है। देश के किसानों ने प्रतिकूल समय में भी बंपर उत्पादन किया है।
इस दौरान मौजूद कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने जानकारी देते हुए बताया कि सारा देश इस बात का साक्षी है कि वायरस के संकट के समय भी जब लॉकडाउन रहा, तब भी भारत सरकार और मोदी जी के फैसलों के केंद्र में गरीब और कमजोर तबका रहा।
कृषि के क्षेत्र में काम न रुके इसका ध्यान रखा गया। जब लॉक़डाउन लगा , तो फसल कटाई के लिए खड़ी थी।
लेकिन सरकार ने इस बारे में संवेदनशीलता दिखाई और किसान अपना काम कर पाए और इस साल किसानों ने देश को बंपर फसल दी है।
सरकार ने किसानों के लिए आज बड़े फैसले लिए हैं। फसलों का न्यूनतम मूल्य लागत का डेढ़ गुना ज्यादा रखने का सरकार अपना वादा पूरा कर रही है। सरकार ने बैंकों द्वारा हो रही खेती के लिए लोन की तिथि भी बढ़ा दी गई है। अल्पकालिक लोन दिया जाना सरल कर दिया गया है। तीन लाख तक के लोन पर सरकार छूट देगी।
– किसान जहां चाहेंगे वहां फसल बेच सकेंगे।
– फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू किया गया
– किसानों के लिए कर्ज भुगतान की तारीख़ 31 अगस्त निर्धारित की गई है।
– 3 लाख रुपए तक के लोन पर २ फीसदी ब्याज की छूट सरकार ने दी है।
– 20 करोड़ महिलाओं के खाते में सीधे मदद पहुँचाई गई।
– किसानों के फ़ायदे के लिए व्यापक सुधारों पर काम किया गया है।
– किसानों को ज़ंजीरों से मुक्त करके उनकी आमदनी बढ़ाने के प्रयास किए गए हैं।
– भारत सरकार ने हर मोड़ पर समाज के सबसे कमजोर तबके के साथ एकजुटता दिखाई और उनकी मदद की गई है।
– कैबिनेट के फैसले से करोड़ों किसानों का जीवन बेहतर होगा।
मीडिया को संबोधित कर रहे केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं, जो भारत के भविष्य के तस्वीर बदलने में लाभकारी सिद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि एमएसएमई देश की रीढ है। बैठक में एमएसएमई की परिभाषा में संशोधन किया गया है।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में लिए गए फैसलों को लेकर केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ( Union Minister Prakash Javadekar ), सड़क परिवहन और MSME मंत्री नितिन गडकरी ( Nitin Gadkari ) और कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ( Narendra Tomar ) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी।
मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि छह करोड़ से ज्यादा MSME भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। सरकार इस क्षेत्र को 50 हजार करोड़ की इक्विटी डालने का भरोसा दिलाती है। इसके साथ ही MSME को नए सिरे से परिभाषित किया जा रहा है। इसमें निवेश की सीमा भी बढ़ाकर 25 लाख के बजाय एक करोड़ कर दी गई है। MSME को बढ़ावा देने से देश में नौकरी के नए अवसर पैदा होंगे।
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