खासकर मुंबई, सूरत, दिल्ली, नागपुर, लुधियाना, गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम व अन्य महानगरों की कंपनियां छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों से श्रमिकों को खुद वापस लाने में जुट गई हैं। ताकि औद्योगिक इकाईयों ( Industrial units ) को फिर से चालू करने में मदद मिल सके।
सबकी नजर भारत पर, Corona Vaccine बनाने में जुटीं देश की ये 7 कंपनियां मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण ( MMRDA ) के मुताबिक इंजीनियरिंग कंपनियों द्वारा दाहिसर पूर्व-अंधेरी पूर्व मेट्रो-7 लाइन परियोजना के काम को पूरा करने के लिए हजारों श्रमिकों को वापस लाया गया है। इसके अलावा रीयल एस्टेट कंपनियां ( Real estate companies ) भी श्रमिकों को खुद वापस लाने की पहल कर रही हैं। ताकि अटकी परियोजनाओं को पूरा किया जा सके।
श्रमिकों के एक ठेकेदार ने कहा कि श्रमिक वापस आ रहे हैं क्योंकि उन्हें रोजगार की जरूरत है। आमतौर पर इस सीजन में श्रमिक खेती या शादी में शामिल होने के लिए अपने घरों को लौट जाते हैं, लेकिन वे जल्दी वापस आ जाते हैं।
भारतीय रेलवे ( Indian railway ) का कहना है कि उसने देश के विभिन्न हिस्सों से विशेष श्रमिक रेलगाड़ियों से 50 लाख मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया है। इस बीच कुछ राज्य श्रमिकों की कमी को पूरा करने के लिए स्थानीय श्रमबल से काम ले रहे हैं।
सेना की तैयारी से Dragon खामोश, अब समुद्र में Indian Navy की तैयारी से डरा चीन कुल मिलाकर कोरोना वायरस महामारी (
Coronavirus Pandemic ) की वजह से लागू लॉकडाउन के बीच अपने गांवों को लौटने वाले वाले प्रवासी मजदूरों ( Migrant Laborers ) ने एक बार फिर से शहरों की राह पकड़ ली है। धीरे-धीरे वे शहरों को लौट रहे हैं।
बता दें कि देश में अभी अनलॉक 2.0 चल रहा है। लॉकडाउन की वजह से बंद हुई परियोजनाओं में काम फिर शुरू हो चुका है। ये बात भी है कि ज्यादातर परियोजनाओं ( Projects ) में क्षमता के 50 प्रतिशत पर काम हो रहा है क्योंकि ज्यादातर श्रमिक अब तक लौट नहीं पाए हैं। बुनियादी ढांचा क्षेत्र की बड़ी परियोजनाएं रुकने की वजह से इंजीनियरिंग कंपनियां बुरी तरह प्रभावित हुई थीं।