पीएम मोदी ने कहा कि टॉयकेथॉन का मकसद उच्च गुणवत्ता वाले खिलौने बनाना है। ट्रेडिशनल और टेक्नोलॉजी आत्मनिर्भर भारत की बड़ी ताकत है। गेमिंग के माध्यम से योग का भी प्रचार होगा। पीएम मोदी ने कहा हमारे टॉय एंगेज भी करें, एंटरटेन भी करें और एजुकेट भी करें।
पीएम मोदी को सबसे पहली टीम ने अपने ऐप के बारे में बताया, जो कि बॉडी पोज ठीक करने में मदद करता है। यह टीम चेन्नई के KCG कॉलेज ऑफ टेकनॉलोजी की थी। यह भी पढ़ेंः
पीएम मोदी और जम्मू-कश्मीर के नेताओं के बीच बैठक आज, इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा पीएम मोदी ने कहा- खिलौने हमारी मानसिक शक्ति, हमारी रचनात्मकता के साथ अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करते हैं। हम सभी जानते हैं कि बच्चे की पहली पाठशाला अगर परिवार होता है तो पहला दोस्त खिलौने ही होते हैं। समाज के साथ बच्चे का पहला संवाद इन्हीं खिलौने के साथ होता है।
ये खिलौने बच्चों के जीवन का अहम हिस्सा बन जाते हैं। सीखने और सिखाने का माध्यम बन जाते हैं। टॉय और गेमिंग दुनिया की अर्थव्यवस्था को समझना जरूरी है। टॉयकोनॉमी की बात करें तो भारत की भागीदारी 1.5 अरब डॉलर है। 80 फीसदी खिलौने हम विदेश से आयात करते हैं। इस स्थिति को बदलना बहुत जरूरी है।
ये सेक्टर देश के उस वर्ग तक उस हिस्से विकास पहुंचाने का सामर्थ्य रखता है जहां इसकी जरूरत है। कुटीर उद्योग, कला, कारीगर बड़ी संख्या में हैं। ये साथी बहुत सीमित संसाधनों में हमारी परंपरा और संस्कृति को निखार रहे हैं।
विशेष रूप से हमारी बहन और बेटियां बहुत बड़ी भूमिका निभा रही हैं। खिलौनों से जुड़े सेक्टर के विकास से ऐसी महिलाओं के साथ ही देश के दूर दराज इलाकों में रह रहे लोगों को भी लाभ होगा।
लोकल के लिए वोकल होंगे तभी इसका फायदा उठा सकेंगे। इसको बेहतर बनाने के लिए ग्लोबल मार्केट में प्रतिद्वंदी बनाने के लिए इनोवेशन से लेकर फायनेंसिंग तक इम्प्रूव करना जरूरी है। योग को दूर तक पहुंचाया जा सकता है
चेन्नई की टीम ने गेमिंग के जरिए योग के प्रचार प्रसार का तरीका निकाला है। पीएम मोदी ने कहा कि टीम ने तकनीक और ट्रेडिशन (परंपरा) का मेल किया है, जिससे योग को दूर तक पहुंचाया जा सकता है।
कोरोना काल में वर्चुअल टूर का गेम
दूसरी टीम कोयंबटूर की थी। टीम में सिर्फ एक सदस्य थे। जिनका नाम अतीक था। उन्होंने हेरिटेज रेस नाम का गेम बनाया था। इसमें साइकलिंग और वर्चुअल हेरिटेज साइट सीन को जोड़ा गया है। पीएम ने पूछा कि अतीक को यह आइडिया कैसे आया। अतीक ने बताया कि टॉयकैथॉन टीम की मदद से ही उन्हें इसे बनाने का हौसला मिला।
पीएम ने दिया सुझाव
मोदी ने कहा कि कोविड के दौर में वर्चुअल टूर वाला यह गेम काफी अच्छा है। पीएम ने सुझाव दिया कि इसे ट्रेडमील, स्मार्ट वॉच से कैसे जोड़ सकते हैं। इसपर काम कीजिए।
इसी तरह एक अन्य गेम उत्तर प्रदेश के छात्रों ने बनाया था। छात्रों ने बताया कि उन्होंने केमेस्ट्री बोर्ड गेम बनाया है, जिससे छात्रों का केमेस्ट्री को आसानी से समझने में मदद मिले साथ उनका डर भी खत्म हो।
इस गेम में प्रतिभागी को देश के लिए कुछ चीजों को ढूंढना होगा, उस बीच जो पड़ाव आएंगे उनके बारे में भी बताया गया। गेम का नाम ‘जाम्याहम’ रखने को लेकर पीएम मोदी ने छात्रों से सवाल किया। छात्रों ने बताया कि ये नाम उन्होंने गीता से लिया है, जिसका मतलब होता है सृजन करना।
मोदी ने इन्हें सुझाव दिया कि मेप रीडिंग का जो फैक्टर है उसपर काम किया जाएगा तो आर्मी और नेवी के ट्रेनी पीरियड में इसपर काम किया जा सकता है।
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– 17 हजार से अधिक थीम का रजिस्ट्रेशन करवाया
– 1,567 थीम को शॉर्टलिस्ट किया गया है
– 22 जून से 24 जून तक तीन दिन टॉयकेथॉन का ग्रैंड फिनाले ऑनलाइन चलेगा
– 5 जनवरी 2021 को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने भारत का अपना गेम चैलेंज ‘टॉयकेथॉन’ लॉन्च किया
– कोविड -19 प्रतिबंधों के कारण टॉयकेथॉन-2021 के ग्रैंड फिनाले में डिजिटल टॉय आइडिया वाली टीमों को ही शामिल किया गया है।
– 1.5 अरब डॉलर का है भारत के खिलौनों का मार्केट
दरअसल इंडियन गेम चैलेंज ‘टॉयकेथॉन’ को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल ने ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निक एजुकेशन ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय,महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सहयोग से टॉयकेथॉन की शुरुआत की है।