पार्टी नेताओं ने आईएएनएस को बताया कि यह पीएम मोदी की रणनीति का नतीजा रहा कि आज दिल्ली के बीजेपी मुख्यालय से ही बड़े-बड़े नेता, बिहार, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों के लाखों लोगों को वर्चुअल रैलियों से संबोधित करने में सफल हो रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के सुझावों पर अमल करते हुए भाजपा ने देश भर में डिजिटल कनेक्टिविटी की दिशा में काम करना शुरू किया। इससे पार्टी के सेवा कार्यों की निगरानी भी हो सकी। दिल्ली से बैठे-बैठे बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं से भी पार्टी के नेता संपर्क साध सके। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को सेवा कार्यो की समीक्षा के दौरान कहा था कि पार्टी के डिजिटल मोड में जाने के बाद से कोरोना काल में भी हर बूथ का कार्यकर्ता जाग उठा। जिससे जमीनी स्तर पर पार्टी सेवा कार्यो को आगे बढ़ाने में सफल रही।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर सभी केंद्रीय मंत्रियों के साथ राष्ट्रीय और प्रदेश के पदाधिकारी अब तक 4 हजार वीडियो कांफ्रेंसिंग कर चुके हैं। इससे पार्टी, अपने ढाई लाख कार्यकर्ताओं तक सीधी बात पहुंचाने में सफल रही, वहीं करीब 700 ऑडियो ब्रिज से 70 लाख से अधिक पार्टी कार्यकर्ताओं से बीजेपी नेताओं ने संपर्क किया। तकनीक के जरिए पार्टी ने जहां लाखों कार्यकर्ताओं से बात की वहीं वर्चुअल रैलियों के जरिए आम जनता तक भी संदेश पहुंचाने में सफलता हासिल की। पार्टी की ओर से बीते 22 जून को जारी एक रिपोर्ट बताती है कि उस वक्त 31 वर्चुअल रैलियों से पार्टी कुल 7,18,02,703 लोगों को जोड़ने में सफल रही थी। जबकि राष्ट्रीय स्तर के नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के स्तर से कुल 70 से ज्यादा वर्चुअल रैलियां होनी हैं। प्रदेश स्तर पर विधानसभा वार अलग से वर्चुअल रैलियां चल रहीं हैं। जाहिर है कि संपर्क का आंकड़ा और बढ़ेगा।
बीजेपी के डिजिटल मोड में जाने के पीछे का राज खुद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने खोला। जब सेवा कार्यो की समीक्षा के दौरान उन्होंने बीते शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी से कहा था, “जब लॉकडाउन हुआ तो चुनौती खड़ी हुई कि हम करोड़ों लोगों तक पहुंचेंगे कैसे? विषय कनेक्टिविटी का था, कोरोना का असर कितना भयानक होगा, इसका भी हम सबको डर था। फिर आपने सुझाव दिया कि वर्चुअल मीटिंग की जाए और डिजिटल टूल का इस्तेमाल किया जाए।” जेपी नड्डा के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुझावों को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने डिजिटल टूल का इस्तेमाल करते हुए कार्यकर्ताओं को जोड़ने का काम किया। जिससे लॉकडाउन की अवस्था में भी हर बूथ पर कार्यकर्ता संक्रिय रहे और इससे जरूरतमंदों की मदद हो सकी।