प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह क्रैश कोर्स सिर्फ दो से तीन महीनों में पूरा हो जाएगा। इससे युवा काम के लिए तत्काल तैयार भी हो सकेंगे। यह कार्यक्रम देशभर के 26 राज्यों में स्थित 111 केंद्रों पर लॉन्च किया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हर सावधानी के साथ आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए हमें देश की तैयारियों को आगे बढ़ाना होगा। इसी टारगेट के साथ आज देश में करीब एक लाख फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर्स को तैयार करने का महाअभियान शुरू हो रहा है।
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उन्होंने कहा कि इस महामारी ने दुनिया के हर देश, हर संस्था, हर समाज, हर परिवार और हर इंसान के सामथ्र्य को बार-बार परखा है। इस महामारी ने विज्ञान, सरकार, समाज, संस्था और व्यक्ति के रूप में हमें अपनी क्षमताओं का विस्तार करने के लिए सतर्क भी किया है। बार-बार बदल रहे वायरस के स्वरूप को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में हम लोगों ने देखा कि इस वायरस का बार-बार बदलता स्वरूप किस तरह की चुनौतियां हमारे सामने ला सकता है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत अभ्यर्थियों को मुफ्त ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके अलावा, स्टाइपेंड और प्रमाणित उम्मीदवारों को दो लाख रुपए का दुर्घटना बीमा मिलेगा।
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इस कार्यक्रम को तैयार करने में 276 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इसे वित्तीय परिव्यय के साथ प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना तृतीय केंद्रीय घटक के तहत विशेष कार्यक्रम कें रूप में तैयार किया गया है। इससे स्वास्थ्य के क्षेत्र में श्रम शक्ति की वर्तमान और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए कुशल गैर चिकित्सा स्वास्थ्यकर्मियों को तैयार किया जाएगा। बता दें कि किसी विषय विशेष की जानकारी देने और कौशल विकसित करने के उद्देश्य से कम समय के लिए चलाए जाने वाले कार्यक्रम को क्रैश कोर्स कहते हैं।