घर और परिवार से दूर :—
पिछले डेढ़ साल से कोरोना वायरस का कहर जारी है। इस महामारी के दौरान डॉक्टर और नर्स को कई दिनों और महीने तक अपने घर और परिवार से दूर रहना पड़ता है। अपने घर और परिवार से पहले वह अपनी जिम्मेदारी को महत्व देती है। अपना फर्ज निभाने के लिए दिन और रात हॉस्पिटल में मरीजों की देखभाल करती है। कई दिनों बीत जाने के बाद उनको घर जाने का मौका मिलता है। लेकिन उस समय भी वह परिवार से दूरी बनाकर ही रखती है।
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जिगर के टुकड़े से दूर :—
इस मुश्किल वक्त में हॉस्पिटल में सबसे ज्यादा समय मरीजों के साथ नर्स ही समय बिता रही है। नर्स बनने के साथ साथ वह एक बेटी और एक बहू भी है। जिसको दोहरी जिम्मेदारी निभानी पड़ती है। जिन नर्स के छोटे बच्चे होते हैं। उनको वह घर पर छोड़कर आती है और हॉस्पिटल में अपनी जिम्मेदारी निभाती है। इस महामारी के कारण कई कई दिनों तक उनको अपने बच्चों से दूर रहना पड़ता है। कई बार बच्चे भी अपनी मां से मिलने की जिद में रोने लगते हैं तो घरवाले काफी परेशान होते हैं। अपने जिगर के टुकड़े को खुद से दूर रहकर अपने फर्ज को निभाना आसान काम नहीं है।
गजब का हौसला और हिम्मत :—
नर्स में जो हौसला और हिम्मत होती है। वह बहुत कम लोगों में देखने को मिलती है। अपनी सारी जिम्मेदारियों को वह अच्छे से निभाती है। वह अपने कर्तत्व को निभाने में कोई कम नहीं छोड़ती है। वह चौबीसों घंटों मरीजों की सेवा करती है। उनकी सेवा के बदले धन्यवाद बहुत छोटा शब्द है। कई बार घर पर पति या बच्चा बीमार पड़ जाता है तो उनकी सेवा के साथ अपने फर्ज को निभाना नहीं भूलती।