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टीपू सुल्‍तान की अशुभ तलवार, माल्‍या के पास नहीं तो किसके पास?

टीपू सुल्‍तान की तलवार को नीलाम करने के बाद उनके वंशज एक बार फिर उसे ढूंढने में लगे हैं कि उनकी तलवार किसके पास है।

Apr 18, 2018 / 01:07 pm

Dhirendra

नई दिल्‍ली। टीपू सुल्तान की 7वीं पीढ़ी के वंशज साहेबजादा मंसूर अली टीपू का कहना है कि लोन डिफॉल्टर विजय माल्या एं‍टिक चीजों के शौकीन रहे हैं। उन्होंने 2004 में एक नीलामी में टाइगर ऑफ मैसूर टीपू सुल्तान की तलवार खरीदी थी। लेकिन अब ये तलवार किसके पास है ये शायद कोई नहीं जानता। बताया जा रहा है कि माल्या ने 2016 में ये तलवार किसी और को दे दी थी, क्योंकि तलवार खरीदने के बाद से उनका बिजनेस ग्राफ गिरने लगा था। परिवार के सदस्‍य कहने लगे थे कि टीपू की तलवार अशुभ है और इसे अपने पास रखना सही नहीं है। आपको बता दें कि बेहद कीमती इस तलवार की कीमत आज करीब 1.80 करोड़ रुपए है। जानकारी के मुताबिक यह तलवार अब न तो श्रीगंगापटनम के टीपू सुल्तान संग्राहलय में है, न ही परिवार के किसी सदस्य को इस बारे में जानकारी है कि वो कहां है।
9000 करोड़ रुपए के कर्जदार है माल्‍या
जानकारी के मुताबिक माल्या पर 13 भारतीय बैंकों का 9000 करोड़ रुपए का कर्ज है। कर्ज नहीं चुकाने पाने और किंगफिशर एयरलाइन का कारोबार बंद होने के बाद वो देश छोड़कर लंदन चले गए। उन्‍हें भगोड़ा आर्थिक अपराधी माना जाता है। ब्रिटेन और भारत दोनों जगह उनके खिलाफ मुकदमा चल रहा है। लंदन कोर्ट में सुनवाई के दौरान 13 भारतीय बैंकों की पैरवी कर रहे वकील ने कोर्ट को ये समझाने की कोशिश की कि माल्या की विदेशों में संपत्ति को फ्रीज करने के आदेश को वापस न लिया जाए। माल्या द्वारा अपनी संपत्ति को नष्ट करने से बैंकों को नुकसान का खतरा होता है, इसे लेकर ही वकील ने टीपू सुल्तान की तलवार का उदाहरण पेश किया। साथ ही उन्‍होंने इस बात का भी खुलासा नहीं किया है कि वो तलवार कहां है। दूसरी तरफ भारतीय बैंकों के अधिकारी इस बात के प्रयास में लगे हैं कि उन्‍हें भारत वापस लाया जाए। ताकि उनकी संपत्ति को नीलाम कर बैंक अपने पैसे की वसूली कर सकें।
माल्‍या के पूर्व सहयोगी का दावा
लिकर किंग विजय माल्या के एक पूर्व सहयोगी का दावा है कि लिकर किंग ने इसे एक प्रतिष्ठ‍ित संग्रहालय को देने की कोशिश की थी, ताकि यह सुरक्ष‍ित रहे, लेकिन म्यूजियम ने इसे लेने से इंकार कर दिया था। अब यह साफ नहीं है कि तलवार कहां है। माल्या ने अप्रैल, 2016 में सुप्रीम कोर्ट में अपनी भारतीय संपत्त‍ि के तहत इस तलवार को भी दिखाया था और इसकी तब कीमत 1.8 करोड़ रुपए बताई थी। ऐतिहासिक दृष्टि से टीपू के तलवार को एक तरह से ऐतिहासिक धरोहर भी माना जाता है।
 

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