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महाराष्ट्र में कोरोना का कहर जारी, 4 में से एक मृतक को केवल 48 घंटे पहले कराया गया भर्ती

महाराष्ट्र में कोरोना वायरस ( coronavirus in Maharashtra ) से काफी बुरा हाल
COVID-19 से मरने वालों को लेकर काफी चौंकाने वाला खुलासा

Oct 05, 2020 / 10:45 am

Kaushlendra Pathak

One in Four Covid victims admitted 48 hours before death in Maharashtra

महाराष्ट्र में कोरोना मौत पर नया खुलासा।

नई दिल्ली। पूरा देश इन दिनों कोरोना वायरस ( Coronavirus in India ) की चपेट में है। लॉकडाउन और पाबंदियों के बावजूद देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। वहीं, महाराष्ट्र ( COVID-19 in Maharashtra ) में इस महामारी को लेकर सबसे ज्यादा हाहाकार मचा हुआ है। राज्य में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 14,05,325 पहुंच चुका है। 38,084 लोगों की मौत हो चुकी है। इसी बीच महाराष्ट्र में कोरोना मौत पर नया खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि मरने वाले चार में एक को महज 48 घंटे पहले हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। इसके लिए लोगों में जागरूकता की कमी और अनिच्छा को दोषी ठहराया गया है।
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कोरोना मौत पर बड़ा खुलासा

रिपोर्ट के अनुसार, 2 अक्टूबर तक राज्य के 37,457 कोविड पीड़ितों (27.5%) में से 10,299 को गंभीर अवस्था में हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया और अस्पताल पहुंचने के 48 घंटे के भीतर उनकी मृत्यु हो गई। सितंबर में 5.5 लाख मामले कोरोना के नए मामले सामने आए, जबकि 9,910 लोगों की मौत हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, जब से कोरोना की शुरुआत हुई है तब से अब तक सबसे खराब महीना सितंबर का ही रहा। बताया जा रहा है कि इनमें 2,681 से अधिक रोगियों यानी 27% की मृत्यु 48 घंटे के भीतर हुई है। महाराष्ट्र मृत्यु के मामले में सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है। राज्य में अब तक 14 लाख से अधिक कोविड -19 मामले दर्ज किए गए हैं। इतना ही नहीं केंद्र ने समय-समय पर कोरोना समीक्षा के दौरान रिपोर्टिंग में देरी की ओर भी इशारा किया है।
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स्वास्थ्य मंत्री ने कही ये बात

स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने स्वीकार किया कि अभी भी छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में बीमारी और इसके लक्षणों के बारे में जागरूकता की कमी है। उन्होंने कहा कि छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों से बड़ी संख्या में मौतें इसी कारण से हुई है। क्योंकि, लोगों को काफी देर से हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पिछले महीने शहरी ठाणे सर्कल में मौतों की समीक्षा में भी यही बातें सामने आई थी। अस्पताल में भर्ती होने के दो दिनों के भीतर 30% रोगियों की मृत्यु हो गई। डॉ। अविनाश सुपे, पूर्व केईएम डीन, जो बीओसी पैनल के प्रमुख हैं उन्होंने कोरोना मृत्यु दर का विश्लेषण करते हुए कहा कि डर के कारण कुछ देरी से परीक्षण कराते हैं, कई लोग ऐसा इसलिए करते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि उनके लक्षण किसी अन्य स्थिति या वायरस के कारण हो सकते हैं। यहां आपको बता दें कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सरकार द्वारा संचालित कोविड -19 सुविधाओं में जनता का विश्वास बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन को भी निर्देशित किया है। औरंगाबाद के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यहां तक कि बीड और लातूर जैसे छोटे शहरों में भी लोग गंभीर स्थिति में सरकारी सुविधाओं तक पहुंचने से पहले दो से तीन दिन तक निजी अस्पतालों की तलाश करते हैं।

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