scriptदेश के इस राज्य ने समझा महिलाओं का दर्द, मुफ्त बांटे जाएंगे सैनिटरी पैड | Odisha government will distribute free sanitary pad to women | Patrika News
विविध भारत

देश के इस राज्य ने समझा महिलाओं का दर्द, मुफ्त बांटे जाएंगे सैनिटरी पैड

ओडिशा सरकार ने सोमवार को पूरे राज्य में 17 लाख स्कूली छात्राओं को मुफ्त सैनिटरी पैड देने के लिए ‘खुशी’ नामक योजना का शुभारंभ किया है।

हनुमानगढ़Feb 26, 2018 / 08:53 pm

Mohit sharma

Odisha government

नई दिल्ली। ओडिशा सरकार ने सोमवार को पूरे राज्य में 17 लाख स्कूली छात्राओं को मुफ्त सैनिटरी पैड देने के लिए ‘खुशी’ नामक योजना का शुभारंभ किया है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों की कक्षा छह से 12 तक की छात्राओं के लिए नि:शुल्क सैनिटरी पैड बांटने की इस योजना का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं सरकारी सेवारत स्कूलों में कक्षा छह से 12 तक की सभी 17 लाख लड़कियों को मुफ्त सैनिटरी नैपकिन प्रदान करने वाली खुशी योजना की घोषणा कर खुशी महसूस कर रहा हूं।

नैपकिन के सोशल मार्केटिंग का विस्तार

उन्होंने कहा कि हम सब्सिडी दरों पर महिलाओं और लड़कियों के लिए सैनिटरी नैपकिन के सोशल मार्केटिंग का विस्तार भी करेंगे। पटनायक ने कहा कि यह कदम स्कूल जाने वाली किशोरियों के बीच स्वास्थ्य और स्वच्छता को बढ़ावा और महिलाओं के सशक्तीकरण की ओर अग्रसर करेगा। इससे पहले राज्य सरकार ने विशेष रूप से महिलाओं के लिए मिशन शक्ति और ममता सहित विभिन्न योजनाएं लागू की हैं। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री प्रताप जेना ने कहा कि स्कूल की छात्राओं को नि:शुल्क सैनिटरी नैपकिन प्रदान करने के साथ ही सरकारी ने आशा कार्यकताओं के द्वारा ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को सब्सिडी वाले मूल्य पर सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराने का फैसला किया है।

113,000 टन का निस्तारण

भारत में महिलाओं की मासिक धर्म से जुड़ी भ्रांतिया व अंधविश्वास के साथ इस्तेमाल होने वाले सैनिटरी पैड का सुरक्षित तरीके निपटारा होना बड़ी चुनौती बन चुकी है। भारत सरकार जहां सभी महिलाओं व लड़कियों को, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराना सुनिश्चित कर रही है, वहीं विशेषज्ञों ने सैनिटरी पैड के निस्तारण के मुद्दे पर खास ध्यान दिया, जो हर साल करीब 113,000 टन निकलता है। शायद इस समस्या को महसूस करने के बाद नरेंद्र मोदी की सरकार पिछले साल नए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (एसडब्लयूएम) नियम को ले आई, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। अमरीका के उत्तरी कैरोलिना में स्थित गैर-लाभकारी संगठन आरटीआई इंटरनेशनल के वरिष्ठ निदेशक माइल्स एलेज ने कहा, “कुछ भारतीय राज्य और शहरों ने ठोस कचरा निस्तारण या प्रबंधन पर ध्यान दिया है और विद्यालयों तथा संस्थानों में इस तरह के कचरा निस्तारण के लिए भट्ठियां लगाई हैं, लेकिन ऐसा बड़े पैमाने पर नहीं है।

Hindi News / Miscellenous India / देश के इस राज्य ने समझा महिलाओं का दर्द, मुफ्त बांटे जाएंगे सैनिटरी पैड

ट्रेंडिंग वीडियो