DCGI से मान्यता प्राप्त होना जरूरी नियम तय किए गए है कि वैक्सीन को 2-8 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान पर स्टोर करके रखा जा सके। वैक्सीन देने वाली कंपनी या तो भारत में उत्पादन कर रही हो या उसे विदेशों से भारत में कोई आयात कर रहा हो। उसे DCGI से मान्यता प्राप्त होना जरूरी है। जीएसटी (GST) रजिस्ट्रेशन हो। भुगतान समान आने के दो दिन के अंदर कर दिया जाएगा।
महाराष्ट्र सरकार की ओर से भी ग्लोबल टेंडर निकाला गया है। मगर सवाल ये उठता है कि ग्लोबल टेंडर से क्या सच में वैक्सीन मिल पाएगी। सबसे मूल बात ये है कि अभी स्पुतनिक के अलावा किसी को मान्यता नहीं दी गई है। इसके साथ फाइजर या जॉनसन की वैक्सीन को स्टोरेज के लिए तापमान कम होना चाहिए।
टीकाकरण के लिए इम्पोर्ट की जरूरत ओडिशा 18-44 आयु वर्ग में टीकाकरण के लिए वैक्सीन इम्पोर्ट करना चाहता है। इस समय राज्य को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक द्वारा बनाई गई कोविशिल्ड और कोवैक्सीन मिल रही है। राज्य सरकार को उम्मीद है कि उन्हें रूस का टीका स्पुतनिक-V भी जल्द मिल जाएगा। ये 91 फीसदी प्रभावी है और रूस के गामालिया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने बनाया है। हाल ही में इस वैक्सीन को भारत इस्तेमाल की मंजूरी मिली है।
100 के ऊपर संक्रमित मरीज ओडिशा में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। शुक्रवार को कोरोना के 12,390 नए मामले सामने आए है। वहीं 22 लोगों की मौत हो गई। नए संक्रमित मरीजों में से 6,938 क्वारंटीइन हैं, जबकि 5,452 स्थानीय लोग संक्रमित मिले हैं। कोरोना की दूसरी लहर में राज्य के अंदर सभी जिलों में 100 के ऊपर संक्रमित मरीज सामने आए है। राज्य सूचना व जनसंपर्क विभाग के अनुसार खुर्दा जिले से सर्वाधिक 2201 नए मामले सामने आए, जबकि सुंदरगढ़ जिले में 882, कटक जिले से 729, संबलपुर जिले में 677 लोग संक्रमित मिले हैं।