इस परियोजना से यात्रियों को बड़ा फायदा होगा। मंत्रालय ने कहा कि रोपेक्स जेटी परियोजना की कुल पूंजी लागत 110.60 करोड़ रुपए हैं। यह भी पढ़ेँः
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इसके बनने से सड़क मार्ग से जो दूरी तय करने में यात्रियों को अभी छह घंटे लगते हैं उस में जलमार्ग से महज एक घंटा लगेगा। वहीं मंत्रालय के मुताबिक धामरा नदी के आसपास स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।
ये है रोपेक्स जेटी परियोजना
रोपेक्स जेटी परियोजना को आसान शब्दों में समझें तो यह परियोजना, सड़क मार्ग के छह घंटे के सफर को जलमार्ग से कम कर एक घंटा कर देगी। इसके साथ ही हर मौसम में काम करने वाले रोपेक्स जेटी के साथ मौजूदा घाट का विकास नौकाओं, लांच और अन्य जहाजों के साथ 10 हल्के मोटर वाहनों, 20 मोटरसाइकिलों के अलावा एक समय में 60 यात्रियों को ले जाने की क्षमता वाले जहाज के लिए मददगार ढांचा भी तैयार किया जाएगा।
आपको बता दें कि मौजूद समय में बड़ी संख्या में यात्री वाहन बिना सुरक्षा के निजी नौकाओं के माध्यम से चलते हैं और यात्रियों को हर दिन एक छोर से दूसरे छोर पर नौका से उतरने-चढ़ने में दिक्कतें आती हैं।
लेकिन यह परियोजना अत्याधुनिक उपयोगिता बुनियादी ढांचे के साथ यात्रियों और वाहनों की सुरक्षा को बढ़ाएगी। इस संपर्क से वाणिज्यिक और व्यावसायिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा और आसपास के क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक स्थिति बेहतर होगी।
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भारत में कारोबार समेटेगा Citi Bank, हजारों लोगों की नौकरी पर मंडराया खतरा दरअसल तलचुआ और आसपास के गांवों के लोग अपनी आजीविका के लिए ज्यादातर धामरा बंदरगाह पर निर्भर हैं, जो कि कनिनली घाट से लगभग चार किलोमीटर दूर है। अब इस परियोजना के पूरा होने पर लोगों को काफी फायदा होगा समय तो बचेगा ही साथ ही रोजगार के अवसर भी उपल्ब्ध होंगे।