Patrika Explainer: कोरोना वैक्सीन के बाद कुछ लोगों में क्यों होता है साइड इफेक्ट
4 मई को कोरोना पॉजिटिव हुईं
तिरुपति स्थित अस्पताल की एक अधिकारी कनक नरसा रेड्डी ने बताया कि मृतक नर्स 4 मई को कोरोना पॉजिटिव हुई थी। इलाज के बाद,वह ठीक भी हो गई और 13 मई को उसकी निगेटिव रिपोर्ट सामने आई। 25 मई को उसे अस्पताल में दोबारा भर्ती कराया गया था। वह ब्लैक फंगस की बीमारी से ग्रसित थी।
कोविड अस्पताल के डॉक्टरों ने 10 जून को नर्स जयम्मा की सर्जरी की और वह निगरानी में थी। उनकी हालत लगातार बिगड़ जा रही थी। अस्पताल के कर्मचारियों को सुबह करीब 4 बजे उसका शव बाथरूम में मिला। पुलिस मामले की जांच कर रही है। बताया जा रहा है उसने बाथरूम में खुद को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है।
लापरवाही का आरोप लगाया
हालांकि, नर्स जयम्मा के रिश्तेदारों ने अस्पताल के अधिकारियों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि ठीक इलाज न मिलने की वजह से जयम्मा स्वास्थ्य बिगड़ गया। कई अन्य मरीजों के परिजनों ने भी अस्पताल पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि अस्पताल में ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त संख्या में डॉक्टर और नर्स नहीं हैं।
इस बीच,एक अन्य घटना में, वायलपाडु मंडल के थानिकीरी गांव में कोरोना संक्रमण से मरे विनोद कुमार (27) के रिश्तेदारों ने राज्य के कोविड अस्पताल में बदइंतजामी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि चिकित्सा कर्मचारियों की लापरवाही के कारण उनके परिवार के सदस्यों की मौत हो गई। इस दौरान पुलिस ने बीच-बचाव कर परिजनों को शांत कराया।
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स्वास्थ्य मंत्री ने मामले की रिपोर्ट मांगी
इन घटनाओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए स्वास्थ्य मंत्री अल्ला काली कृष्ण श्रीनिवास ने अस्पताल प्रबंधन और जिला चिकित्सा अधिकारी से इस मामले में पूरी रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मचारियों को सलाह दी कि राज्य के कोविड अस्पताल में रोगियों को बेहतर चिकित्सा देखभाल उपलब्ध कराई जाए। मंत्री ने प्रदर्शनकारियों को शांति बनाए रखने की अपील की है। इसके अलावा अस्पताल अधीक्षकों को मरीजों को दिए जा रहे भोजन पर विशेष ध्यान देने और अस्पताल में साफ-सफाई का माहौल बनाए रखने का निर्देश दिया।