किसानों ने किया गांव बंद का ऐलान, 10 दिनों तक सब्जियां, फल और दूध के लाले दहशत में चमोली उत्तराखंड के चमोली जिले के नारायणबगड़ में बादल फटने से कई दुकानों और मकानों को नुकसान पहुंचा है। हालांकि बादल फटने की इस घटना में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। बताया जा रहा है कि चमोली के नारायणबगड़ में भारी बारिश के बाद अचानक बादल फट गया। इससे ऊपर के पहाड़ों पर कटान तेज हो गई और काफी मात्रा में मिटटी और पत्थर सड़कों पर आ गया। इससे कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाइवे आधा घंटा बंद रहा। वहीं चमोली के जीतसिंह मार्केट में हाइवे पर खड़े कई वाहन मलबे में दब गए।
2013 में उत्तराखंड आपदा के दौरान भारी तबाही झेल चुके चमोली जिले में बादल फटने की इस घटना के बाद लोगों में डर बैठ गया है। बुधवार देर शाम को ओलावृष्टि और भारी बारिश के बाद जिले में कई नाले उफान पर आ गए। ट्रक समेत छह वाहन मलबे में दब गए। नारायणबगड़ में 10 से अधिक दुकानों में बड़ी मात्रा में कीचड और पानी घुस गया। जीत सिंह मार्केट के ठीक ऊपर से भी बरसाती गदेरा में भारी मलबा बहकर आया जो दुकानों में घुस गया। एक कार, दो जीप, एक ट्रक, एक लोडर और कुछ निर्माण कार्य से जुड़ी मशीनें मलबे में दब गईं हैं।
बेमौसम बारिश बनी मुसीबत पिछले 24 घंटे के भीतर पंजाब, दिल्ली, यूपी और राजस्थान के कई इलाकों में भारी बारिश और आंधी लोगों के लिए मुसीबत बन आई है। पंजाब के अमृतसर में अनाज मंडी में बारिश में भीगकर कई कुंतल आनाज खराब हो गया। दूसरी ओर बारिश और ओलावृष्टि के कारण उत्तर भारत में गेहूं, सरसों की फसलों और सब्जियों फलों को भारी नुकसान पंहुचा है। हालांकि बारिश के चलते लोगों को गर्मी से राहत अवश्य मिली है लेकिन मौसमी फसलों के नुकसान होने से इन सब्जियों के दाम आसमान छूने की आशंका जताई जा रही है।