मेट्रो स्टेशनों पर कूड़ादान न रखना गलत: दिल्ली हाई कोर्ट
कोर्ट ने दिल्ली मेट्रो रेल निगम को निर्देश दिए कि वह सभी मेट्रों स्टेशनों पर कूड़ेदान और थूकदान लगाने की व्यवहारिकता की जांच करें।
नई दिल्ली। दिल्ली के उच्च न्यायालय ने डीएमआरसी से कहा कि बम विस्फोटों के डर से मेट्रो स्टेशनों पर कूड़ेदान न रखना बेहद गलत है। क्योंकि एयरपोर्ट्स और यहां तक कि रेलवे स्टेशनों पर भी कूड़ेदान होते हैं। कोर्ट ने दिल्ली मेट्रो रेल निगम को निर्देश दिए कि वह सभी मेट्रों स्टेशनों पर कूड़ेदान और थूकदान लगाने की व्यवहारिकता की जांच करें।
एचसी के जज राजीव शकधर ने कहा कि क्या एयरपोर्ट्स और बस स्टेशनों पर कूड़ेदान नहीं होेते? क्या आप कूड़ेदान नहीं रखकर लोगों की सुरक्षा दे सकते हैं । यह सुरक्षा के संदर्भ में बेहद अदूरदर्शी सोच है। कोर्ट ने डीएमआरसी को यह भी निर्देश दिया कि वह मेट्रो स्टेशनों पर उपलब्ध शौचालयों और पेयजल सुविधाओं की संख्या के बारे में एक हलफनामा दायर करें और यह भी बताए कि क्या ये सुविधाएं आमतौर पर यात्रियों की पहुंच में होती हैं?
कोर्ट ने डीएमआरसी से कहा कि हमें दिखाओ कि शौचालय उपलब्ध हैं और यह लोगों को आसानी से उपलब्ध हैं। हम आपको अपने स्टेशनों की संरचना दोबारा बनाने के लिए नहीं कह रहे हैं। कोर्ट ने केंद्र, दिल्ली सरकार और डीएमआरसी को भी नोटिस जारी किए हैं। इन सभी को 11 अगस्त तक जवाब देना है। इस मामले में अब 11 अगस्त को आगे सुनवाई होगी।
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