Dausa Borewell Accident: बोरवेल में फंसी मासूम नीरू 16 घंटे से लड़ रही मौत से जंग… प्रार्थनाओं का दौर जारी, मां बोलीं-बेटी वापस आएगी
Bandikui Borewell Accident: बोरवेल में फंसी ढाई साल की मासूम नीरू गुर्जर को अब तक बाहर नहीं निकाला जा सका है। हर कोई बच्ची की जिंदगी के लिए दुआ मांग रहा है।
माइक के जरिये बोरवेल में फंसी बेटी को आवाज देती मां
दौसा। बांदीकुई के समीप जोधपुरिया गांव में बोरवेल में फंसी ढाई साल की मासूम नीरू गुर्जर को अब तक बाहर नहीं निकाला जा सका है। पिछले 16 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। रेस्क्यू टीमों ने गड्ढे के चारों और गहराई तक खुदाई पूरी कर ली है। यहां से आज सुबह 20 फीट लंबा पाइप करीब 12 फीट अंदर डाला गया है। इसे 16 फीट तक और अंदर ले जाया जाएगा, उसके बाद बच्ची को निकालने के प्रयास शुरू किए जाएंगे। मासूम के मूवमेंट पर कैमरे से नजर रखी जा रही है। इधर, जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही मासूम के लिए हर कोई दुआ कर रहा है। वहीं, बच्ची के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
जानकारी के मुताबिक दौसा जिले के बांदीकुई के समीप जोधपुरिया गांव में करीब ढाई साल की मासूम बालिका नीरू गुर्जर बुधवार शाम खेलते समय बोरवेल के समीप बारिश के चलते धंसी जमीन से होकर बोरवेल में गिरकर करीब 30 फीट गहराई पर अटक गई। देर रात तक बालिका को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा। हालांकि, बारिश के चलते रेस्क्यू में थोड़ी परेशानी आई। जिला कलक्टर देवेन्द्र कुमार, एसपी रंजीता शर्मा सहित कई अधिकारी मौके पर जमा रहे। बोरवेल में डाले गए कैमरे में बालिका की हलचल नजर आई है।
एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस और एनडीआरएफ की टीम मौके पर
कंप्यूटर इंजीनियर राहुलसिंह गुर्जर की छोटी बेटी नीरू शाम करीब साढ़े चार बजे बोरवेल में गिर गई। घटना का करीब 25 मिनट बाद परिजनों को पता चला। सूचना पर प्रशासन ने करीब सवा पांच बजे तीन जेसीबी मशीनों से बोरवेल के समानांतर खुदाई का कार्य शुरू कराया। मेडिकल टीम ने बोरवेल में ऑक्सीजन के पाइप उतारे।
जनलाल सरकार ने इस योजना में किया बड़ा बदलाव चार जेसीबी व कई ट्रैक्टरों से खुदाई व मिट्टी को हटाने का कार्य शुरू किया। रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू होने के कुछ देर बाद ही बारिश का दौर शुरू हुआ, जिस पर प्रशासन ने बोरवेल को टैंट और तिरपाल से ढकवाया। बारिश से बचाव कार्य में परेशानी का सामना करना पड़ा। देर रात तक एसडीआरएफ व सिविल डिफेंस की टीम मौके पर बचाव कार्य में लगी रही।एनडीआरएफ की टीम को भी बुलाया गया।
मां ने माइक के जरिए बेटी को पुकारा
बोरवेल में बच्ची के गिरने के बाद पाइप डाल कर बच्ची तक ऑक्सीजन पहुंचाई गई। साथ ही बोरवेल में सीसीटीवी कैमरे उतारे गए, जिससे बच्चों के मूवमेंट पर नजर रखी गई। कैमरे में बच्ची मूवमेंट करती नजर आई, जिससे प्रशासन और परिजनों में उम्मीद जगी। इसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन और तेजी लाई गई। रात को दूध की बोतल भी नीचे उतारी गई, लेकिन बालिका ने पीया नहीं। आज सुबह माइक के जरिए मां ने बेटी से बात करने की कोशिश की। पिता बच्ची के लिए बिस्किट लाए और रोते हुए उसे पुकारते रहे। बता दें कि बालिका तीन बहनों में सबसे छोटी है।
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