नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप केस ( Nirbhaya Gangrape Case ) मामले में 12 फरवरी का दिन काफी अहम है। दरअसल निर्भया के माता-पिता ने दिल्ली की एक अदालत में याचिका दाखिल की है। लोअर कोर्ट ( Lower Court ) बुधवार को कोर्ट ने सुनवाई के लिए गुरुवार का वक्त दिया है। इससे पहले मंगलवार को कोर्ट ने फांसी की सजा पाए चारों दोषियों से जवाब मांगा था।
निर्भया के माता-पिता ने कोर्ट से कहा कि दोषी कानून का मजाक उड़ा रहे हैं। चारों दोषियों की फांसी की सजा की तामील के लिए नई तारीख तय किए जाने के वास्ते अधिकारियों (दिल्ली सरकार के) को निचली अदालत जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से मिली छूट के बाद यह याचिका दायर की गई है।
केजरीवाल की पत्नी ने बताया आखिर क्यों दिल्ली का दंगल जीत में कामयाब हुए अरविंद इस बीच एक दोषी विनय शर्मा आज सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगा. दया याचिका खारिज करने के फैसले को विनय शर्मा चुनौती देगा। बीते दिनों ही विनय शर्मा की दया याचिका को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दिया था। इससे पहले मुकेश ने अपनी दया याचिका खारिज होने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने मंगलवार को निचली अदालत में एक स्थिति रिपोर्ट (स्टेटस रिपोर्ट) दाखिल कर कहा कि किसी भी दोषी ने पिछले सात दिन में कोई कानूनी विकल्प नहीं चुना है, जो समय सीमा दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें दी थी। इन चारों दोषियों में मुकेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को चारो दोषियों को एकसाथ फांसी दिए जाने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग वाली केंद्र की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया।
सॉलिस्टिर जनरल तुषार मेहता ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि अधिकारी डेथ वारंट के लिए आगे बढ़ना चाहते हैं, लेकिन एक दोषी ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका और क्यूरेटिव पिटीशन के अधिकार का प्रयोग नहीं किया है और वह सभी दोषियों की फांसी रुकवाने के लिए दया याचिका दे सकता है।