एक मीडिया एजेंसी के अनुसार अमरीकी स्पेस एजेंसी नासा भी विक्रम लैंडर से संपर्क करने के लिए अब इसरो की मदद को खड़ा हो गया है।
इसरो के अनुसार नासा का जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (जेपीएल) विक्रम को लगातार रेडियो सिग्नल भेजने का प्रयास कर रहा है।
इसरो के एक अधिकारी की मानें तो चंद्रमा की सतह पर लोकेट हुए विक्रम पर संचार लिंक भेजने का प्रयास जारी है। 20-21 सितंबर तक ये प्रयास जारी रहेंगे।
अधिकारी के अनुसार लैंडर विक्रम से संपर्क साधने में सबसे बड़ा वरदान सूरज की रोशनी है। क्योंकि लैंडर में बैटरी के अलावा सोलर प्लेट लगी हैं, जो सूरज की रोशनी से चार्ज होती रहेंगी।
लेकिन 14 सितंबर के बाद शुरू होने वाली लूनार नाइट विक्रम के लिए नई मुश्किलें लेकर आएगी।
इसरो ने जारी किया चंद्रयान-2 का यह एक्सक्लूसिव वीडियो–
वही महान खगोलविद स्कॉट टायली ने भी चांद पर विक्रम लैंडर से संपर्क स्थापित करने संभावन जताई हैं। उन्होंने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी।
आपको बता दें कि टायली ने पिछले साल यानी 2018 में अमरीका के मौसम उपग्रह (वैदर सैटेलाइट) को खोज लिया था।