2002 में बहुचर्चित नरोदा पाटिया दंगे के मामले के दोषी बजरंग दल के बाबू बजरंगी को पांच दिन पहले सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी। बाबू बजरंगी ने स्वास्थ्य आधार पर कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी। इससे पहले बाबू बजरंगी को 21 साल की सजा सुनाई गई थी। इससे पहले इसी साल जनवरी में नरोदा पाटिया दंगे के मामले में सजा काट रहे चार दोषियों उमेश भाई भारवाड, राजकुमार, हर्षद और प्रकाशभाई राठौड़ को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी।
इससे पहले वर्ष 2018 में गुजरात हाईकोर्ट ने बाबू बजरंगी को दोषी करार देते हुए उसे 21 साल की जेल की सजा सुनाई थी। इससे पहले विशेष अदालत की ओर से बाबू बजरंगी को जिंदगी की आखिरी सांस तक कारावास की सजा सुनाई गई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने सजा घटाकर 21 साल की जेल कर दी थी। गुजरात हाईकोर्ट ने इसी मामले में फैसला सुनाते हुए चार दोषियों को 10 साल की सजा सुनाई थी। बता दें कि 2002 के इस नरसंहार में कुल 97 लोग मारे गए और 33 लोग जख्मी हो गए थे। बाबू बजरंगी ने हाईकोर्ट के फैसले को भी चुनौती दी थी।