11 लड़कियां हुईं थीं गायब मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में 11 लड़कियों की कथित हत्या के मामले में 6 मई को सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को 3 जून तक जांच पूरी कर विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। 28 दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से बताया गया था कि 11 लडकियां शेल्टर होम से गायब हैं जिनकी हत्या का संदेह है। इस मामले में करीब 35 लडकियों के नाम एक जैसे हैं।
नमो 2.0 का असरः नाराज JDU कभी नहीं होगा NDA कैबिनेट में शामिल हत्या की जांच जारी 6 मई को सीबीआई ने प्रारंभिक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर कहा था कि 11 हत्याओं के मामले में मुख्य आरोपी बृजेश ठाकुर समेत अन्य आरोपियों की भूमिका की जांच जारी है। जांच एजेंसी को शक है कि जो 11 लडकियां गायब हैं उनकी हत्या की गई है। फिलहाल उन लोगों के खिलाफ चार्जशीट की गई है जो शेल्टर होम में आते जाते थे। सीबीआई ने कहा है शेल्टर होम मामले में खुदाई में हड्डियां मिली हैं। इस मामले में हुई हत्या की अभी जांच जारी है।
माधव भंडारी का ओवैसी पर पलटवार, कहा- ‘1947 में दे दी हिस्सेदारी’ सीबीआई ने जांच में भेदभाव को नकारा पिछले महीने हुई सुनवाई में सीबीआई ने इस बात से इनकार किया था कि इस मामले में शक्तिशाली और प्रभावशाली लोगों को बचाया जा रहा है। सीबीआई ने इस मामले में जांच पूरी करने के लिए शीर्ष अदालत से और समय मांगा था। सीबीआई के अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट ने करीब एक महीने के अंदर जांच पूरा करने का निर्देश दिया था।
राजनाथ का बड़ा फैसला, अगस्त तक रक्षा सचिव बने रहेंगे संजय मित्रा याची ने लगाया केस को कमजोर करने का आरोप दरअसल, मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में सीबीआई की चार्जशीट के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। इस मामले में याचिकाकर्ता निवेदिता झा ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा है कि सीबीआई ने इस मामले में साकेत कोर्ट में जो चार्जशीट दाखिल की है उसमें बलात्कार और हत्या के आरोपों को शामिल नहीं किया है। याचिकाकर्ता ने ये भी आरोप लगाया है सीबीआई ने मामूली धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया है।
कर्नाटक के पूर्व सीएम सिद्धारमैया बोले, केंद्र में मोदी की वापसी से कुमारस्वामी… बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने ही केस को सीबीआई को सौंपा था। बाद में इसका ट्रायल दिल्ली की साकेत कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था।
कर्नाटक में सरकार बचाने के लिए डिप्टी सीएम जी परमेश्वर का ब्रेकफास्ट कॉल क्या है शेल्टर होम केस का मामला दरअसल, मई 2018 में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस) के सोशल ऑडिट के दौरान मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में रहने वाली अनाथ लड़कियों की हत्या, दुष्कर्म, मारपीट, शोषण व अन्य अनियमितताओं का खुलासा हुआ था। इस मामले में 34 लड़कियों के साथ बालिका गृह में यौन शोषण की पुष्टि हुई थी। इस मामले में 10 कथित आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। शेल्टर होम से लड़कियों के गायब होने का मामला भी सामने आया था, जिसके बाद विपक्षी नेताओं ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर इस मामले के आरोपियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया था। इसके बाद बिहार सरकार ने अब इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। सुप्रीम के निर्देशन में सीबीआई इस मामले की जांच में जुटी है।