ऐसा ही एक मामला मंगलवार को मुंबई से सामने आया। यहां बांद्रा रेलवे स्टेशन ( Bandra railway station ) के बाहर बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर जमा हो गए।
धीरे-धीरे यह भीड़ हुजूम में बदल गई। दरअसल, हजारों की संख्या में ये लोग बिहार के लिए ट्रेन पकड़ना चाहते थे लेकिन पंजीकरण न होने की वजह से इन लोगों को हताश और निराश होना पड़ा।
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वहीं, हालात बेकाबू होता देख मुंबई पुलिस को सख्ती बरतनी पड़ी। अधिकारियों ने कहा कि पश्चिम रेलवे और सुरक्षा एजेंसियों को स्थिति पर काबू पाने में बड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन 12 बजे बिहार के पूर्णिया के लिए प्रस्थान करने वाली थी, लेकिन बड़ी संख्या में अपंजीकृत और अनधिकृत प्रवासी अपने परिवार और सामान के साथ टर्मिनस बिल्डिंग के बाहर सड़क और पुल पर एकत्रित हो गए।
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पश्चिम रेलवे के मुख्य प्रवक्ता रविंद्र भाकर ने कहा, अधिकृत यात्रियों की जांच की गई और राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा स्टेशन परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दी गई।
ट्रेन दोपहर 12 बजे बांद्रा से 1,700 पंजीकृत प्रवासियों और उनके परिजनों को लेकर चली। भाकर ने बताया कि इस ट्रेन में वही यात्री गए, जिन्होंने पंजीकरण करा रखा था।
बाद में ट्रेन के रवाना होने के बाद बाहर जो अतिरिक्त भीड़ जमा हुई थी, उसे पुलिस और अन्य सुरक्षाकर्मियों ने हटाया। गनीमत रही कि इस दौरान कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आई।
इससे पहले पिछले महीने भी मुंबई के बांद्रा स्टेशन के बाहर हजारों लोग इकट्ठा हो गए और वे घर भेजने की मांग करने लगे थे।