कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल नोबेल विजेता मुहम्मद यूनुस से कोरोना संकट ( Coronavirus Crisis ) के कारण अर्थव्यवस्था, बैंकिंग क्षेत्र और आम लोगों के जीवन पर असर पर मंथन कर रहे हैं।
नोबेल विजेता मुहम्मद यूनुस ने राहुल गांधी के सवालों के जवाब में कहा कि कोरोना वायरस संकट ने समाज की कुरीतियों को उजागर कर दिया है। गरीब, प्रवासी मजदूर हम सब के बीच ही मौजूद हैं लेकिन कोरोना ने इन्हें सामने ला दिया है। इन्हें इन्फॉर्मल सेक्टर का हिस्सा माना जाता है, जो अर्थव्यवस्था का हिस्सा नहीं हैं।
अगर दक्षिण एशिया देशों में महिलाओं की बात की जाए तो उन्हें समाज में निचला दर्जा दिया गया। भारत में भी कमोवेश यही हालात हैं। अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में उन्हें कोई पूछता ही नहीं। लेकिन महिलाओं ने समय-समय पर खुद को साबित किया है उनमें भी अर्थव्यवस्था को मजबूती देने की क्षमता है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी जब बातचीत के दौरान मोहम्मद युनूस से पूछा कि भारत और बांग्लादेश जैसे देशों के लिए छोटे कारोबारी ही भविष्य हैं। लेकिन वर्तमान वैश्विक व्यवस्था में इसे उस नजरिए से नहीं ले रहा है। इस पर उन्होंने कहा कि हम आर्थिक मामले में पश्चिमी देशों की तरह चलते हैं। इसी वजह से उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
मोहम्मद युनूस ने कहा कि छोटे मजदूरों और कारोबारियों के पास काफी टैलेंट है लेकिन सरकार उन्हें अर्थव्यवस्था का हिस्सा नहीं मानती है। पश्चिम में गांव के लोगों को शहर में नौकरी के लिए भेजा जाता है। अब भारत में भी यही हो रहा है। पहले शहर के पास ढांचा था गांव के पास नहीं लेकिन आज सभी तरह की तकनीक है तो फिर क्यों लोगों को शहर भेजा जा रहा है।
Corona death के मामले में 5वें नंबर पर पहुंचा भारत, हर रोज 5 लाख से ज्यादा टेस्ट जब राहुल गांधी ने नोबेल विजेता युनूस से कहा कि हमने पश्चिम से काफी कुछ लिया लेकिन गांवों को ताकतवर बनाना भारत और बांग्लादेश का ही मॉडल है। महात्मा गांधी ने कहा था कि हमें अपनी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाना होगा।
इसके जवाब में युनूस ने कहा कि कोरोना संकट ने आर्थिक मशीन को रोक दिया है। लोग सोच रहे हैं कि जल्द ही पहले जैसी स्थिति हो जाए। पर ऐसी जल्दी क्या है। यदि ऐसा होता है तो बहुत बुरा होगा। हमें उस दुनिया में क्यों वापस जाना है जहां ग्लोबल वार्मिंग और बाकी तरह की परेशानी है। ये हानिकारक होगा। कोरोना ने आपको कुछ नया करने का मौका दिया है।
कौन हैं मोहम्मद यूनूस बता दें कि मोहम्मद यूनुस को 2006 का नोबेल शांति पुरस्कार मिला था। मोहम्मद युनूस को बांग्लादेश में गरीबों का मददगार माना जाता है। उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। बांग्लादेश में ग्रामीण बैंक को लेकर उन्होंने आर्थिक क्षेत्र में क्रांति पैदा की जिसके जरिए गरीब लोगों को बिना किसी तरह की जमानत के कर्ज देने की शुरुआत हुई।