इस तरह से अब इसरो के पास केवल 36 घंटों से भी कम का समय शेष बचा है। इसी बीच NASA से एक अच्छी खबर आई है।
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दरअसल, अमरीकी स्पेस एजेंसी से खबर आई है कि नासा ने चांद के साउथ पॉल पर अपने लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर ( LRO ) की मदद से कुछ तस्वीरें ली हैं।
ये तस्वीरें 17 सितंबर को ली गईं हैं। हालांकि नासा अभी इन तस्वीरों का विश्लेषण में जुटा है।
आपको बता दें कि चांद के साउथ पॉल पर विक्रम लैंडर की साफ्ट लैंडिंग कराने का प्रयास किया गया था, लेकिन ऐन मौके पर जब लैंडर चांद की सतह से महज 2 किमी दूर था, तो इसरो से उसका संपर्क टूट गया।
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4 दिनों तक काम करता लैंडर विक्रम
इसरो के अनुसार चांद की सतह पर उतरने के बाद लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को केवल 14 दिनों तक काम करना था।
दरअसल, लैंडर और रोवर की उम्र चांद के एक दिन के बराबर रखी गई थी, पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर है।
अब चूंकि इसरो द्वारा निर्धारित समय सीमा खत्म हो रही है। ऐसे में इसरो के मिशन चंद्रयान-2 से भी उम्मीदें कम होती जा रही हैं।