कोरोना वायरस के नकली टीके की शिकायतें मिलने के बाद सरकारी महकमा हरकत में आ गया है। वहीं, इससे बचने के लिए जरूरी है कि नकली टीकाकरण केंद्र और नकली टीकों की पहचान की जाए। इसके लिए सबसे पहले यह सावधानी बरतें कि जो सेंटर कोविन पोर्टल पर रजिस्टर नहीं हैं, वहां टीका लगवाने नहीं जाएं।
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नकली टीकाकरण केंद्र से जुड़ी शिकायत देशभर से आ रही हैं। कई राज्यों में नकली वैक्सीन लगा रहे गिरोहों को पकड़ा गया है। यही नहीं नकली वैक्सीन लगवाने के बाद कई लोगों के बीमार होने के मामले भी सामने आए हैं। इससे लोगों में डर बना हुआ है कि जो वैक्सीन वे लगवा रहे हैं, वह सही है या नहीं और कहीं यह उनके लिए जानलेवा तो साबित नहीं होगी।
असल में हम आपको कुछ आसान टिप्स दे रहे हैं, जिससे आप नकली और असली टीकाकरण केंद्र और टीकों की पहचान आसानी से कर सकेंगे और अपने साथ बड़ा फर्जीवाड़ा होने से रोक भी सकेंगे। यदि ग्रुप में टीका लगवाने के लिए सोसाइटी या ऑफिस वैक्सीन कैंप लगवाने पर विचार कर रही है तो सबसे पहले रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों और पुलिस प्रशासन को इसकी जानकारी दें। उनकी सहमति मिलने के बाद ही इस पर आगे बढऩा चाहिए। इससे जांच-पड़ताल की जिम्मेदारी से आप बच जाएंगे। मगर जागरूक रहने की जरूरत आपको आगे भी होगी।
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क्या सावधानी बरतें
जहां तक संभव हो रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन या फिर कॉरपोरेट कंपनियों को आगे आकर प्राइवेट अस्पतालों से करार करना चाहिए, जिससे वे उनके सोसाइटी में आकर टीकाकरण कैंप लगाएं। इससे यदि कोई गिरोह नकली टीका लगाने की सोच भी रहा होगा, तो उसके मंसूबे पूरे नहीं होंगे। वैक्सीन लगवाने के लिए कोविन पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन जरूर कराएं। इसके बाद उन्हीं सेंटरों में से किसी एक पर जाएं, जो कोविन पोर्टल पर रजिस्टर हैं। ऐसे किसी सेंटर पर नहीं जाएं, जो कोविन पोर्टल पर रजिस्टर नहीं हैं।
वैक्सीन लगवाने के तत्काल बाद टीकाकरण केंद्र से अपने वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट की मांग करें। यदि कोई सर्टिफिकेट देने में आनाकानी कर रहा है या बाद में देने की बात कहता है, तो वह फर्जी हो सकता है। ऐसे में तुरंत इसकी शिकायत पुलिस और संबंधित अधिकारियों से करें। वैक्सीन लगवाने के बाद आपको बुखार, बदनदर्द या सिरदर्द जैसी समस्या नहीं हो रही है, लेकिन ज्यादातर लोगों को एक से दो दिन तक यह समस्या बनी रह सकती है, इसलिए ऐसे लक्षणों के प्रति अलर्ट रहें। अपने साथ गए दूसरे लोगों से भी बात करें। यदि एक टीकाकरण केंद्र पर गए कई व्यक्तियों में ऐसे कोई लक्षण सामने नहीं आते, तो संभवत: यह नकली टीकाकरण केंद्र हो सकता है। ऐसे में स्वास्थ्य अधिकारियों को इसकी जानकारी दें।