गोवा निवासी अभिजीत सत्यवान देसाई और प्रकाश भगत की ओर से बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया गया था कि अभिजात की स्वामित्व वाली कंपनी हाइडवे हॉस्पिटेलिटी द्वारा वन क्षेत्र को नष्ट किया जा रहा है। याचिकाकर्ता की शिकायत पर न्यायमूर्ति महेश सोनक और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने अभिजात और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों समेत केंद्रीय पर्यावरण, वन संरक्षक, राज्य पर्यावरण एजेंसियों को भी नोटिस जारी कर 11 मार्च तक जवाब दाखिल करने को कहा था। उसी के जवाब में अभिजात ने ये दावा किया है।