प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 जुलाई को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए लोगों को संबोधित किया था। पाकिस्तान और चीन पर निशाना साधा था। चीन की विस्तारवादी नीतियों और पाक की नीयत पर सवाल उठाया था।
देश के अन्नदाता को किया नमन प्रधानमंत्री ने मन की बात में किसानों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि ऋगवेद में मंत्र है- अन्नानां पतये नमः, क्षेत्राणाम पतये नमः अर्थात अन्नदाता को नमन है। किसान को नमन है। किसानों ने कोरोना जैसे कठिन समय में अपनी ताकत को साबित किया है। हमारे देश में इस बार खरीफ की फसल की बुआई पिछले साल के मुकाबले 7 प्रतिशत ज्यादा हुई है।
किसानों को फसल की ज्यादा बुआई करने के लिए दी बधाई पीएम मोदी ने कहा कि आमतौर पर ये समय उत्सव का होता है। जगह-जगह मेले लगते हैं। धामिर्क पूजा-पाठ होते हैं। कोरोना के इस संकट काल में लोगों में उमंग और उत्साह है। लेकिन हम सबको मन को छूने वाला अनुशासन भी है। लोग अपना ध्यान रखते हुए अपने रोजमर्रा के काम भी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे देश में इस बार खरीफ की फसल की बुआई पिछले साल के मुकाबले 7% ज्यादा हुई है। धान इस बार 10%, दालें 5%, मोटे अनाज लगभग 3%, ऑयलसीड लगभग 13% और कपास लगभग 3% बोए गए हैं। इसके लिए मैं देश के किसानों को बधाई देता हूं।
भारत में खिलौनी की रही है समृद्ध परंपरा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं मन की बात सुन रहे बच्चों के माता-पिता से क्षमा मांगता हूं क्योंकि हो सकता है, उन्हें अब ये मन की बात कार्यक्रम सुनने के बाद खिलौनों की नई-नई डिमांड सुनने का शायद एक नया काम सामने आ जाएगा। खिलौने जहां एक्टिविटी को बढ़ाने वाले होते हैं, तो खिलौने हमारी आकांक्षाओं को भी उड़ान देते हैं। खिलौने केवल मन ही नहीं बहलाते, खिलौने मन बनाते भी हैं और मकसद गढ़ते भी हैं।
7 लाख करोड़ से अधिक की है खिलौने की इंडस्ट्री
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में लोकल खिलौनों की बहुत समृद्ध परंपरा रही है। कई प्रतिभाशाली और कुशल कारीगर हैं, जो अच्छे खिलौने बनाने में महारत रखते हैं। भारत के कुछ क्षेत्र टॉय क्लस्टर यानी खिलौनों के केंद्र के रूप में भी विकसित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्लोबल टॉय इंडस्ट्री 7 लाख करोड़ से भी अधिक की है। 7 लाख करोड़ रुपयों का इतना बड़ा कारोबार, लेकिन भारत का हिस्सा उसमें बहुत कम है। जिस राष्ट्र के पास इतने विरासत हो, परंपरा हो, क्या खिलौनों के बाजार में उसकी हिस्सेदारी इतनी कम होनी चाहिए।
आदिवासी समाज के बरना पालन की तारीफ की
बिहार के पश्चिमी चंपारण में सदियों से थारु आदिवासी समाज के लोग 60 घंटे के लॉकडाउन या उनके ही शब्दों में कहें तो ’60 घंटे के बरना का पालन करते हैं। प्रकृति की रक्षा के लिए बरना को थारु समाज ने अपनी परंपरा का हिस्सा बना लिया है। इस दौरान न कोई गांव में आता है, न ही कोई अपने घरों से बाहर निकलता है। लोग मानते हैं कि अगर वो बाहर निकले या कोई बाहर से आया तो उनके आने-जाने से लोगों की रोजमर्रा की गतिविधियों से, नए पेड़-पौधों को नुकसान हो सकता है। बरना की शुरूआत में भव्य तरीके से हमारे आदिवासी भाई-बहन पूजा-पाठ करते हैं और उसकी समाप्ति पर आदिवासी परम्परा के गीत, संगीत, नृत्य जमकर के उसके कार्यक्रम भी होते हैं।
पीएम मोदी ने पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा था कि उसने भारत की भूमि पर कब्जा करने के लिए योजना बनाई थी। पीएम मोदी ने युवाओं से कारगिल युद्ध के दौरान सैनिकों के बलिदान की कहानियों को साझा करने की अपील भी की थी।
लोकप्रिय कार्यक्रम ‘मन की बात’ के सांकेतिक भाषा संस्करण का प्रसारण आज सुबह 11 बजे डीडी भारती पर देख सकते हैं। इसके साथ ही ‘मन की बात’ कार्यक्रम के क्षेत्रीय संस्करणों को ऑल इंडिया रेडियो के संबंधित क्षेत्रीय स्टेशनों पर पीएम मोदी के प्रसारण के तुरंत बाद सुना जा सकता है। आज रात 8 बजे फिर से इसे प्रसारित किया जाएगा।
मोबाइल पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम को सुनने के लिए आपको 1922 डायल करना होगा. जिसके बाद आपको एक कॉल आएगा, जिसमें अपनी पसंदीदा भाषा चुन और क्षेत्रीय भाषा को चुन सकते हैं, जिसके बाद कार्यक्रम ‘मन की बात’ को चुनी गई भाषा में सुन सकते हैं।
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने 11 जुलाई को किए अपने ट्वीट में कहा था कि जो भी ‘मन की बात’ कार्यक्रम के लिए कोई सलाह देना चाहते हैं तो वे विभिन्न माध्यमों से दे सकते हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था कि मुझे यकीन है कि आप इस बारे में जानते होंगे कि कैसे सामूहिक प्रयास से प्रेरणादायक बदलाव हुए और कैसे सकारात्मक बदलाव लाए जा सकते हैं। बेशक आप उन पहलुओं से भी परिचित होंगे, जिन्होंने लोगों की जिंदगी में बदलाव किए हैं। कृपया आप उन्हें ‘मन की बात’ कार्यक्रम के लिए साझा करें।