उन्होंने कहा कि कई ऐसे पहलू जानने को मिले हैं जिस पर आपाधापी में ध्यान ही नहीं जाता। भारत में कोरोना के खिलाफ लड़ाई पीपल ड्रिवन है। यह लड़ाई जनता लड़ रही है। भारत में कोरोना के खिलाफ लड़ाई आप लड़ रहे हैं। जनता लड़ रही है। जनता के सहयोग सरकार लड़ रही है। जनता के साथ प्रशासन लड़ाई लड़ रहा है। दूसरे के खिलाफ मदद का भाव कोरोना के खिलाफ जंग की ताकत हैं।
शहर हो या गांव ऐसा लग रहा है जैसे देश बड़ा युद्ध लड़ रहा है। ऐसा लग रहा है जैसे देश में महायज्ञ चल रहा हैं। देश के किसानों को ही देख लीजिए। हर कोई अपनी क्षमता के हिसाब से यह लड़ाई लड़ रहा है। कोई गरीबों को भोजन खिला रहा है तो कोई पीएम के फंड का पैसा पीएम केयर्स फंड में दे रहा है। यह मिजाज लगातार जोर पकड़ रहा है। कोई खेत की सरी सब्जी दान कर रहा है।
कोरोना के केंद्र और राज्य सरकारों मिलकर जंग लड़ रहे हैं। लोगों तक दवाई पहुुंचाने के लिए लाइफ लाइन उड़ान के नाम से एक अभियान चल रहा है। तीन लाख किलोमीटर हवाई उड़ान हुई है। 60 से अधिक रेल मार्ग पर 100 से ज्यादा ट्रेन चला रही है।
कोई तनख्वाह दान दे रहा है, कोई मास्क बना रहा है तो कोई खेत की सब्जियां दान दे रहा है। कोई जिस स्कूल में क्वारंटीन में हैं उसकी रंगाई-पुताई कर रहा है।यही भाव कोरोना के खिलाफ लड़ाई को ताकत दे रहा है। पिछले कुछ साल में हमारे देश में यह मिजाज़ बना है। लाखों लोगों ने गैस सब्सिडी छोड़ी।
पीएम मोदी ने कहा कि covidworriors.gov.in प्लेटफॉर्म के माध्यम से सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधि और स्थानीय प्रशासन को जोड़ दिया है। इसमें अब तक सवा करोड़ लोग जुड़ चुके हैं।
तमिलनाडु में नहीं थमा कोरोना का कहर, चेन्नई में बने 100 से ज्यादा हॉटस्पॉट हमारे साथियों ने इतने कम समय में तीन लाख किलोमीटर की हवाई उड़ान भरी है। 500 टन मेडिकल सामग्री देश के कोने-कोने में पहुंची है। इसी तरह रेलवे के साथी भी दिन-रात काम कर रहे हैं। रेलवे की ओर से 100 मालगाड़ियां प्रतिदिन चलाई जा रही हैंं।
देशभर में चिकित्सा सेवा से जुड़े लोगों ने अध्यादेश पर संतोष व्यक्त किया है। इस अध्यादेश में चिकित्सा कर्मचारियों के खिलाफ हिंसा पर कड़ी सजा के प्रावधान किए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सोशल मीडिया पर हम देख रहे हैं कि लोग लॉकडाउन के दौरान अपने साथियों को याद कर रहे हैं। उनकी मदद भी कर रहे हैं। उनपर लिख रहे हैं। लोग सफाई कर्मचारियों पर पुष्पवर्षा कर रहे हैं।
दिल्ली वालों को राहत की उम्मीद कम, इस कमेटी के सुझाव पर 16 मई तक बढ़ सकता है लॉकडाउन कोरोना संकट के दौरान डॉक्टर और पुलिस व्यवस्था को लेकर आम लोगों की सोच में काफी बदलाव हुआ है। पहले पुलिस के बारे में सोचते ही नकारात्मकता के खिलाफ कुछ नजर नहीं आता था। आज हमारे पुलिस कर्मचारी लोगों तक खाना पहुंचा रहे हैं। लोग कोरोना योद्धाओं पर पुष्प की वर्षा कर रहे हैं। यह राष्ट्र के प्रति लोगों के भावनात्मक बदलाव का संकेत है। कोरोना के खिलाफ यही हमारी ताकत है।
पीएम मोदी ने कहा कि कई बार हम अपनी शक्तियों को मानने से इनकार कर देते हैं। जब दूसरा देश रिसर्च करके वही बात बताता है तो हम मान लेते हैं। इसके पीछे कारण सैकड़ो साल की गुलामी भी रही है। भारत की युवा पीढ़ी को इस चुनौती को स्वीकार करना होगा। जैसे विश्व ने योग को स्वीकार किया है वैसे ही आयुर्वेद को विश्व जरूर स्वीकार करेगा।
देश में आज बड़ा परिवर्तन हुआ है। लोग मास्क का उपयोग कर रहे हैं। जब हम मास्क की बात करते हैं तो पुरानी बात याद आती है। एक जमाना था जब कोई व्यक्ति फल खरीदता था तो पूछा जाता था कि घर में कोई बीमार है। समय के साथ यह धारणा बदली। अब मास्क को लेकर धारणा बदलने वाली है। अब मास्क सभ्य समाज का प्रतीक बन जाएगा।
Delhi: मकान मालिक किराए के लिए करे मजबूर तो डायल करें 100, मालिकों के खिलाफ होगी उन्होंने कहा कि मेरा तो सुझाव है कि गमछा का प्रयोग करें। पहले यहां-वहां थूक देना आम बात बन गई थी। हम इस समस्या को जानते थे लेकिन यह समस्या समाप्त होने का नाम ही नहीं ले रही थी। अब समय आ गया है, इस बुरी आदत को समाप्त कर दिया जाए।
इस साल अक्षय तृतीया का विशेष महत्व है। यह याद दिलाता है कि हमारी भावना अक्षय है, चाहे कितनी भी आपदा आए इससे जूझने की मानवीय भावनाएं अक्षय हैं। इसी तरह उन्होंने रमजान का भी पवित्र महीना शुरू हो गया है। किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि रमजान में इतनी बड़ी मुसीबत होगी। लेकिन जब विश्व में मुसीबत आ ही गई है तो हमें इसे सेवाभाव की मिसाल देनी है। हम पहले से ज्यादा इबादत करें और कोरोना के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करें।
पीएम मोदी ने कहा है कि अंत में यही कहना चाहता हूं कि हमें कतई आत्मविश्वास में फंसने की जरूरत नहीं है। हम यह भ्रम न पालें कि हमारे यहां कोरोना नहीं पहुंचा। इसलिए अब नहीं पहुंचेगा। ऐसी गलती न करें। हमारे यहां कहा जाता है, सावधानी हटी, दुर्घटना घटी। अंत में पीएम मोदी ने इस बात का जोर देकर जिक्र किया कि दो गज दूरी बेहद जरूरी।