गुरुवार की सुबह गंभीर रूप से घायल देवाशीष आचार्य को मिदनापुर के तमलुक जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल के रिकॉर्ड में उन्हें कुछ अज्ञात लोगों द्वारा सुबह 4.10 बजे लाया गया। भर्ती कराने के बाद वे लोग जल्द वहां से निकल गए। देवाशीष की मौत दोपहर को हो गई। उनके परिवार को जब इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने दावा किया कि देवाशीष की हत्या करी गई है।
16 जून की शाम अपने दो दोस्तों के संग बाहर गए थे मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भाजपा नेताओं ने अब देवाशीष आचार्य की मौत पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। देवाशीष 2020 में भाजपा में शामिल हुए थे। पुलिस ने अपनी प्रारंभिक जांच में पाया कि देवाशीष आचार्य 16 जून की शाम अपने दो दोस्तों के संग बाहर गए थे। वह एक चाय की दुकान पर भी रुके थे। यहां से वे अचानक गायब हो गए।
गौरतलब है कि देबाशीष आचार्य 2015 में उस दौरान सुर्खियों में छा गए थे, जब उन्होंने एक राजनीतिक कार्यक्रम के दौरान अभिषेक बनर्जी को पूरी जनसभा के सामने थप्पड़ मारा था। हालांकि, इसके बाद टीएमसी के समर्थकों ने उनकी जमकर पीटाई की थी। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था, बाद में अभिषेक बनर्जी के दखल पर उन्हें रिहा कर दिया गया था।