नई दिल्ली। पार्क में या फिर म्यूजि़यम में जाने पर या किसी मंदिर में हमें एक बोर्ड हर जगह मिलता है जिसमें लिखा होता है कि कृप्या चीजों को न छुएं या फिर फूल न तोड़े लेकिन अगर किसी जगह आपको कोई भी चीज पर हाथ लगाने पर जुर्माना भरना पड़े तो फिर ये हमें अजीब ही लगेगी।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के अति दुर्गम इलाके में मलाणा नामक एक गांव है जो कि काफी रहस्यमयी है।इस गांव के निवासी खुद को सिकंदर के सैनिकों का वंशज मानते हैं। संविधान में वर्णित कानून यहां पर लागू नहीं होते हैं क्योंकि यहां की अपनी संसद है जो अपने सारे फैसले खुद तय करती है।ये भारत का इकलौता ऐसा गांव है जहाँ मुगल बादशह अकबर की पूजा की जाती है।
इस गांव में यदि गांव के बाहर का कोई व्यक्ति किसी चीज़ को छुआ तो उसे ज़ुर्माना भरना पड़ता है।इस जुर्माने की रकम 1000 रुपए से लेकर 2500 रुपए तक हो सकती है। अपनी विचित्र परंपराओं के चलते इस गांव में हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं।गांव में पर्यटकों के लिए ठहरने की कोई व्यवस्था नहीं है। यहां आने वाले पर्यटक गांव के बाहर टेंट में रहते हैं।
मलाणा गांव के निवासी यहां हर जगह नोटिस बोर्ड लगा रखे हैं और इन नोटिस बोर्डाे पर साफ-साफ किसी भी चीज़ को न छूने की चेतावनी लिखी गई है।यदि किसी ने गलती से यहां के मकान-दुकान या किसी निवासी को छू लिया तो यहां के लोग उस व्यक्ति से एक हजार रुपए वसूलते हैं हालांकि यहां लोगों से जबरिया वसूली नहीं किया जाता हैं।
गांव में कुछ दुकानें भी हैं जिनमें से गांव के लोग तो आसानी से सामान खरीदारी कर सकते हैं लेकिन बाहरी लोग दुकान में न तो जा सकते हैं और न ही दुकान को छू सकते हैं। ग्राहकों क ो दुकान के बाहर से ही खड़े होकर सामान मांगना पड़ता है। दुकानदार पहले सामान की कीमत बताते हैं और फिर सामान को बाहर रखते हैं, ग्राहक भी पैसे बाहर ही छोड़कर रखे सामान को ले लेते हैं।