scriptदांडी मार्च ने अंग्रेजों को दिखाई थी भारतीय जनता की ताकत | Mahatma Gandhi Dandi March and its meaning | Patrika News
विविध भारत

दांडी मार्च ने अंग्रेजों को दिखाई थी भारतीय जनता की ताकत

नमक सत्याग्रह की इस घटना को आज लगभग 90 वर्ष से अधिक हो चुके हैं लेकिन उस यात्रा के नक्शेकदम पर चल कर भारत, दक्षिण अफ्रीका सहित कई अन्य देशों ने अपनी गुलामी की जंजीरें तोड़ी।

Mar 12, 2021 / 09:01 am

सुनील शर्मा

salt_march_dandi_mahatma_gandhi.jpg
दुनिया की एकमात्र महाशक्ति ब्रिटेन जिसके राज्य में कभी सूर्य नहीं छिपता था, उस शक्ति को महात्मा गांधी ने अपने एक आंदोलन से हिला कर रख दिया था। गांधीजी द्वारा 12 मार्च 1930 को शुरु किए गए नमक सत्याग्रह आंदोलन ने न केवल भारतीयों को स्वतंत्रता का मंत्र दिया वरन पूरी दुनिया को अंहिसा के मार्ग पर चलने की दिशा भी दिखाई। नमक सत्याग्रह की इस घटना को आज लगभग 90 वर्ष से अधिक हो चुके हैं लेकिन उस यात्रा के नक्शेकदम पर चल कर भारत, दक्षिण अफ्रीका सहित कई अन्य देशों ने अपनी गुलामी की जंजीरें तोड़ी।
नमक सत्याग्रह आंदोलन का क्या अर्थ था
इस आंदोलन के संदर्भ में सबसे पहले तो हमें यही समझना होगा कि नमक सत्याग्रह आंदोलन का वास्तविक उद्देश्य क्या था। गांधीजी का मानना था कि जनता को उसकी स्वयं की शक्ति से परिचित करवाना आवश्यक है, इसी ताकत के दम पर हम अंग्रेजों से लड़ सकते हैं। उनकी यह धारणा सही सिद्ध भी हुई। नमक सत्याग्रह आंदोलन के बाद पूरे भारत में अहिंसक आंदोलनों की एक लहर सी चल पड़ी जिसमें देश की लाखों-करोड़ों की आबादी ने बिना कोई हथियार उठाए, बिना कोई जंग छेड़े भारत की आजादी का मार्ग खोला।
महिलाओं ने पहली बाद खुल कर स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया
यह आंदोलन कई अन्य मायनों में भी महत्वपूर्ण रहा। 1930 के दशक में जब बहुत से यूरोपियन देशों तथा अमरीका में महिलाओं को बहुत से अधिकार नहीं मिले हुए थे, उनसे घरों की जिम्मेदारी संभालने की उम्मीद की जाती थी, भारत में महिलाओं ने इस आंदोलन में बढ़-चढ़ कर भाग लिया और केवल भाग ही नहीं लिया वरन कई जगहों पर तो कुशलतापूर्वक नेतृत्व भी किया। यह महिलाएं बहुत पढ़ी-लिखी नेता नहीं थीं वरन देश भर के सुदूर शहरों और गांवों में रहने वाली शहरी और ग्रामीण स्त्रियां थीं जिन्होंने छोटे-छोटे ग्रुप्स बना कर आंदोलन को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दिया।
विदेशों तक पहुंची नमक सत्याग्रह आंदोलन की लपटें
नमक सत्याग्रह आंदोलन को दबाने के लिए तत्कालीन ब्रिटिश पुलिस ने बल प्रयोग भी किया जिनमें सैकड़ों बेगुनाह भारतीयों को जान से हाथ धोना पड़ा। इस आंदोलन से प्रभावित होकर अमरीकी सामाजिक कार्यकर्ता मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने अमरीका की ब्लैक कम्यूनिटी को उनके नागरिक अधिकार दिलाने की अहिंसक जंग छेड़ दी। इसी से प्रभावित होकर दक्षिण अफ्रीका में नेल्सन मंडेला ने अपने देश की आजादी के लिए अंहिसक आंदोलन शुरु किया और देश को ब्रिटिश शासन से मुक्ति दिलाई।

Hindi News / Miscellenous India / दांडी मार्च ने अंग्रेजों को दिखाई थी भारतीय जनता की ताकत

ट्रेंडिंग वीडियो