संजय राउत ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ( Governor Bhagat Singh Koshyari ) और मुख्यमंत्री उद्धव सरकार ( CM Uddhav Thakeray ) के बीच विधायकों को नामित करने को लेकर जारी संघर्ष का हवाला देते हुए लिखा है कि प्रदेश के संवैधानिक प्रमुख सिफारिशों को तत्काल मंजूरी देने के पक्ष में नहीं हैं। राज्यपाल ने अप्रत्यक्ष रूप से सरकार को अगले दो महीनों के लिए सिफारिश नहीं भेजने के संकेत दिए हैं।
राज्यपाल MLC नामित क्यों नहीं करना चाहते सामना में रोकठोक के नाम से अपने आर्टिकल में उन्होंने बताया है कि राज्यपाल का मत है कि कोरोना के संकट काल ( Coronavirus Crisis ) में विधायकों की नियुक्ति प्रक्रिया करना उचित नहीं होगा। ऐसे में राज्यपाल सितंबर तक 12 विधान परिषद के सदस्यों ( MLC ) का नियुक्ति टालने का मन बना चुके हैं। शिवसेना इसी को बीजेपी की सरकार गिराने की तैयारी का संकेत बता रही है।
जानकार के मुताबिक राज्यपाल 3 दिनों से अप्रत्यक्ष रूप से सरकार को इस बात का संकेत दे रहे हैं। गवर्नर का विचार है कि कोरोना के कारण वर्तमान स्थिति राज्यपाल नामित विधायकों की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए अनुकूल नहीं है। इसलिए यह स्पष्ट है कि गवर्नर अगले दो महीने यानी सितंबर तक सरकार की सिफारिशों को स्वीकार नहीं करेंगे।
शिवसेना नेता संजय राउत ( Shiv Sena leader Sanjay Raut ) का आरोप है कि नियुक्ति की प्रक्रिया को टाला जा रहा है। साथ ही बीजेपी महाराष्ट्र में ऑपरेशन लोटस ( Operation Lotus ) को सफल बनाने की मुहिम में जुटी है। ऐसे में अगर बीजेपी अपनी मुहिम में कामयाब होती है तो 12 सदस्य बीजेपी के ही होंगे।
बीजेपी नहीं गिरा सकती गठबंधन सरकार राउत ने राज्यपाल की भूमिका की आलोचना करते हुए कहा है कि यदि यह जानकारी सही है तो 12 सदस्यों की नियुक्ति अक्टूबर तक बढ़ाए जाने का क्या मक़सद है। अक्टूबर का महीना क्यों? ऐसी अफवाहें हैं कि महाराष्ट्र में वर्तमान सरकार अक्टूबर तक गिरा दी जाएगी।
ऑपरेशन कमल को लेकर राउत ने कहा है कि बीजेपी के डॉक्टर होमियोपैथी या आयुर्वेद के डॉक्टर हैं। इस बात का पहले पता करना होगा। उनके सर्जन को ऑपरेशन करने के लिए लंबी प्रतीक्षा करनी होगी। कम से कम पांच साल तक। लेकिन अगर ऐसा नहीं है और अगर कोई राज्यपाल के नाम पर यह राजनीति कर रहा है, तो राज्यपाल को खुद इसे रोकना चाहिए।
जब राज्यपाल ने जताई नाराजगी इससे पहले भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ( CM Udhav Thackeray ) की विधान परिषद में नियुक्ति के दौरान राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की भूमिका पर एक समान विवाद पैदा हो गया था। तब भी संजय राउत ने बार-बार राज्यपाल कोश्यारी की आलोचना की थी। उस समय शिव सेना ने कहा था कि राजभवन राजनीति का एक केंद्र बन गया है।
इस बात को लेकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपनी नाराज़गी जताई थी जिसके बाद संजय राउत ने राजभवन का दौरा किया और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाक़ात की।
सावन का पहला सोमवार आज, जानें भगवान शिव की पूजा विधि और उसका महत्व उद्धव सरकार की कमजोरियों को छिपाना चाहते हैं राउत दूसरी तरफ महाराष्ट्र बीजेपी ( Maharashtra BJP President Chandrakant Patil ) के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ( Maharashtra BJP President Chandrakant Patil ) ने शिव सेना सांसद संजय पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि राउत उद्धव सरकार की नाकामियों को छुपाना चाहते हैं। बीजेपी द्वारा अक्टूबर तक उद्धव ठाकरे नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को गिराने की बात कर वह प्रदेश की जनता को बरगला रहे हैं।
गलवान झड़प के बाद माइक पोम्पियो और एस जयशंकर के बीच हुई गुप्त बात, इस वजह से नहीं हुई पब्लिक उन्होंने कहा कि हकीकत तो यह है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे गठबंधन सरकार नहीं चला पा रहे हैं। उनके कार्यकाल के दौरान प्रदेश में विकास का काम पूरी तरह ठप है। प्रदेश सरकार कोरोना के मोर्चे पर पूरी तरह से विफल साबित हुई है। राउत सरकार की कमजोरियों को छुपाने के संजय राउत भ्रामक बातें कर असल मुद्दे से लोगों का ध्यान भटका रहे हैं।