लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डीएस हुड्डा ने बताया कि सर्जिकल स्ट्राइक 28-29 सितंबर 2016 की रात को अंजाम दिया गया था। उस रात को भारतीय सेना के जवानों ने पीओके में 10 अलग-अलग कॉर्प्स (इलाके) में आतंकी कैंपों को नष्ट करने के लिए हमला किया था। इस हमले से पाकिस्तान भी तरह भौचक्का रह गया था। हुड्डा के मुताबिक पाकिस्तान को उम्मीद नहीं थी कि भारत इतनी बड़ी कार्रवाई को अंजाम देगा। उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि उस रात मैं पूरी तरह बेचैन था। उन्हें इस बात की चिंता सताए जा रही थी कि कोई जवान पीछे न छूट जाए। उन्होंने कहा कि अगर 10 आतंकियों को मारने के बाद भी हमारा कोई भी साथी पीओके में छूट जाता तो हम इस ऑपरेशन को असफल मानते।
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के जवानों ने बड़ी बखूबी से ऑपेरशन को अंजाम दिया। जैसे ही भारतीय सेना के जवान ऑपरेशन को अंजाम देकर वापस आते गए मेरी खुशी बढ़ती गई। उन्होंने कहा जब हमारा आखिरी जवान अपनी सीमा में वापस आ गया उसी वक्त मैंने इस ऑपरेशन को सफल मान लिया था। उन्होंने कहा कि भविष्य में अगर दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक करनी रही तो मैं प्लॉन में कोई बदलाव नहीं करूंगा।
लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) हुड्डा ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान जवाबी हमला करेगा। लेकिन जब पाकिस्तान ने मान लिया कि सर्जिकल स्ट्राइल हुई ही नहीं तो हम आश्वस्त हो गए कि अब पाक की ओर से कोई पलटवार नहीं होने वाला। उन्होंने कहा कि अब कांच की दीवार ढह चुकी है। सफल सर्जिकल स्ट्राइक की वजह से भारतीय जवानों को मनोबल काफी ऊंचा हो गया है। भविष्य में हम कभी भी सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दे सकते हैं।