गुजरात और राजस्थान से आए यात्री आगे की यात्रा के लिए स्टेशन के बाहर परिवहन के साधन तलाशते नजर आए। कई यात्री रेलवे स्टेशन के बाहर खड़े रहे। जबकि कुछ यात्री स्थानीय कैब चालकों को विभिन्न राज्यों में उनके घरों तक ले जाने के लिए मनाने की कोशिश करते दिखे। जयपुर के एक होटल में काम करने वाले 14 लोगों का समूह भी ऐसी ही परेशानी में घिरा रहा।
Corona Crisis : भारत ने किया GDP का 10% खर्च का ऐलान, जानिए बाकी देशों का प्लान इन्हीं यात्रियों में से एक उत्तराखंड खटीमा के रहने वाले 22 साल के अशोक टम्टा ने बताया कि उन्हें कोई अंदाजा नहीं है कि वह कैसे अपने घर पहुंचेंगे। अशोक की 8 अप्रैल को शादी थी। उन्होंने बताया कि जयपुर के जिस होटल में वह काम करते हैं वो बंद हो गया। लॉकडाउन की वजह से वह बेरोजगार हो गया। उन्होंने बताया कि हमारे पास वापसी के अलावा कोई विकल्प नहीं था। जब ट्रेन सेवाएं बहाल हुईं तो हमने एक बार सोचा भी नहीं और टिकट बुक करवा लिया। फिर यात्रा के लिए तैयार हो गए।
पिथौरागढ़ के रहने वाले अशोक के दोस्त और सहकर्मी दीपक कुमार ने कहा कि अगर उन्हें परिवहन का कोई साधन नहीं मिला तो वह सड़कों पर सोएंगे और पैदल चलकर अपने गृह राज्य पहुंचेंगे। जयपुर में काम करने वाले चेन्नई के तीन लोगों का समूह भी इनमें से एक था जो स्टेशन के बाहर इंतजार कर रहा था।
हरियाणा सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया – Special pass के आधार पर कोरोना योद्धाओं को देंगे प्रवेश की अनुमति एक यात्री मोहम्मद फुरकान ने बताया कि सड़क पर बाहर इंतजार करने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं है। सिर्फ इतनी राहत है कि आसमान में बादल छाए हैं। उसके दोस्त गिलानी ने बताया कि उन्होंने बीती रात भोजन किया था और अब उनके पास खाने को कुछ नहीं है।