रेलवे के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक केवल भेजने वाले और पाने वाले राज्य ही आपस में बात कर ट्रेन चलवाने की मांग कर सकते हैं। इन ट्रेनों में प्रवासी मजदूरों के अलावा विभिन्न राज्यों में फंसे स्टूडेंट्स, शरणार्थी, टूरिस्ट को भी घर भेजने की व्यवस्था की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक श्रमिक स्पेशल ट्रेन का केवल एक गंतव्य होगा। यह ट्रेन बीच में कहीं नहीं रुकेगी। श्रमिक स्पेशल ट्रेन 500 किलोमीटर से अधिक की दूरी के लिए चलेंगी। इस तरह की हर ट्रेन में 1000 से 1200 यात्रियों को बैठने की सुविधा होगी। रेलवे के मुताबिक फंसे हुए लोगों को ले जाने के लिए क्षमता की 90 प्रतिशत मांग होने पर ही विशेष श्रमिक ट्रेन चलाई जाएंगी।
इस बीच यूपी, बिहार और झारखंड के श्रमिकों का पहुंचने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। सोमवार को भी कई श्रमिक स्पेशल ट्रेनें अपने शेड्यूल से चल रही हैं। लखनऊ, गोरखपुर, रांची, जसीडीह, धनबाद, हटिया, दानापुर स्टेशन पर ट्रेन पहुंच भी चुकी है। इस दौरान रेलवे स्टेशन और बसों के अंदर भी सामाजिक दूरी का पूरा ख्याल रखा जा रहा है।
तेलंगाना से रोजाना चलेंगी 40 स्पेशल ट्रेनें तेलंगाना के मुख्यटमंत्री के चंद्रशेखर राव ( K Chandrashekar Rao ) के मुताबिक तेलंगाना में फंसे प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए 7 दिनों तक रोजाना 40 स्पेेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी। ये ट्रेनें हैदराबाद, खामम, वारांगल समेत अन्यर स्टेशनों से चलाई जाएंगी। इन ट्रेनों के जरिए बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों के प्रवासी मजदूरों को उनके घरों के लिए भेजा जाएगा।